सुपरटेक को राहत नहीं: दोनों टावर होंगे ध्वस्त, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इन इमारतों को ट्विन टॉवर्स के नाम से भी जाना जाता है, जो सुपरटेक की नोएडा स्थित एमरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में हैं.

Supertech's plea to save one Emerald Court tower rejected by Supreme Court

नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक एमराल्‍ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में अवैध ट्विन टावर मामले से जुड़े विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक एमराल्‍ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में अवैध ट्विन टावर मामले से जुड़े विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की नोएडा स्थित दो 40-मंजिला इमारतों को गिराने के आदेश में बदलाव करने से सोमवार को इनकार कर दिया. इन इमारतों को ट्विटन टॉवर्स के नाम से भी जाना जाता है, जो सुपरटेक की नोएडा स्थित एमरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में हैं. सुपरटेक ने इनमें से एक बिल्डिंग को बचाने के इरादे से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और बी वी नागरथना की पीठ ने कहा कि सुपरटेक लिमिटेड की याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है. पीठ ने कहा कि विविध आवेदन करने का प्रयास यह स्‍पष्‍ट करता है कि इसका उद्देश्‍य केवल अदालत के मूल फैसले में संशोधन करवाना है. इस तरह के प्रयास को हम कतई अनुमति नहीं देंगे. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में ट्विन टॉवर्स को गिराने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुपरटेक के 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टॉवर्स का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ साठगांठ कर किया गया है. पीठ ने कहा था कि दो टॉवर्स को नोएडा प्राधिकरण और विशेषज्ञ एजेंसी की निगरानी में तीन माह के भीतर गिराया जाए और इसका पूरा खर्च सुपरटेक लिमिटेड को उठाना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि घर खरीदारों का पूरा पैसा बुकिंग के समय से लेकर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाया जाए. साथ ही रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन को दो टॉवर्स के निर्माण से हुई परेशानी के लिए दो करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए.

26 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश

नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक एमराल्‍ड कोर्ट हाउसिंग सोसायटी में अवैध ट्विन टावर मामले से जुड़े विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. रिपोर्ट में नोएडा प्राधिकरण के 26 अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है. इनमें से 20 अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकी दो की मौत हो चुकी है. केवल चार अधिकारी ही प्राधिकरण में काम कर रहे हैं. उन्हें निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मालूम हो कि गत 31 अगस्त को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित उस आदेश को बरकरार रखा था जिसमें दोनों टावर को गिराने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन दो टावरों को तीन महीने के भीतर गिराने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा था कि ढहाने का कार्य नोएडा के अधिकारियों की देखरेख में होगा. सुपरटेक को इस मद में होने वाले खर्च का वहन करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को टावरों को गिराने के लिए कहा था जिससे कि सुरक्षित तरीके से गिराना सुनिश्चित किया जा सके.

Published - October 4, 2021, 06:16 IST