एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर (GDP Growth) 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. इसके साथ उसने व्यापक लॉकडाउन के अर्थव्यवस्था पर ‘उल्लेखनीय’ प्रभाव को लेकर आशंका भी जताई है. एशिया-प्रशांत के वित्तीय संस्थानों पर रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह महामारी एक बड़ा जोखिम है. हालिया सप्ताहों में महामारी के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है और देश इस समय कोविड की दूसरी लहर की गिरफ्त में आ गया है.
एसएंडपी (S&P) की रिपोर्ट में कहा गया है, 2021 के लिए हमारा वृद्धि दर (GDP Growth) का अनुमान 11 प्रतिशत है. उसके बाद अगले दो साल के दौरान वृद्धि दर 6.1 और 6.4 प्रतिशत रहेगी. कुछ लक्षित लॉकडाउन पहले ही लागू हो गए हैं और आगे और लॉकडाउन हो सकते हैं. लॉकडाउन की अवधि और दायरे के हिसाब से इनका अर्थव्यवस्था पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा.’’
फिलहाल एसएंडपी ने भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- की रेटिंग दी हुई है. एसएंडपी (S&P) का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था को तेजी से दोबारा खोलने तथा वित्तीय प्रोत्साहनों की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी.
आधिकारिक अनुमानों के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ प्रतिशत की गिरावट आयी.
पिछले सप्ताह एक अन्य वैश्विक एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा था कि कोविड की दूसरी लहर की वजह से भारत के वृद्धि दर के अनुमान में जोखिम है. हालांकि, मूडीज ने कहा था कि पिछले साल गतिविधियां काफी सीमित रहने की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगी.