FD pic: tv9 bharatvarsh
निजी बीमा कंपनी में काम करने वाले मुकेश और कपिल का इंक्रीमेंट लगा है. इसका उन्हें अच्छा खासा एरियर मिला है. मुकेश इस पैसे को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करना चाहता है जबकि कपिल इसके लिए मना कर रहा है. कपिल का मानना है कि रिटर्न तो अच्छा है लेकन अब ब्याज दरें घटा रहे हैं. इस मुद्दे पर दोनों ही सही हैं. एफडी पर बयाज बढ़ा है लेकिन इस बढ़ोतरी पर अब ब्रेक लगना शुरू हो गया है. मुकेश की तरह लाखों लोग सेफ रिटर्न के लिए एफडी में निवेश करते हैं. अब एफडी की ब्याज दरें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. अब कुछ बैंक ब्याज दरें घटा रहे हैं.
बैंकों की कुल जमा में FD का हिस्सा
मुकेश जिस FD की बात कर रहे हैं उसकी बैंक डिपॉजिट में अच्छी खासी हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2022-23 में 13 जनवरी 2023 तक बैंकों में कुल जमा करीब 12.2 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 186.2 लाख करोड़ रुपए हो गया. डिपॉजिट में तेजी की वजह एफडी रही. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, बैंकों के पास FD समेत टाइम या टर्म डिपॉजिट के रूप में जमा रकम 164 लाख करोड़ रही जो 31 मार्च 2022 के 151.9 लाख करोड़ रुपए से 8 फीसदी यानी 12 लाख करोड़ रुपए ज्यादा है. यह संकेत है कि ब्याज दरों में तेजी के दौरान लोगों ने FD में जमकर पैसा लगाया.
किन बैंकों ने घटाई ब्याज दरें?
एफडी में तगड़े निवेश के बीच अब कुछ बड़े बैंक ब्याज दरें घटा रहे हैं. यह कटौती 3 साल तक की टेन्योर वाली FD में है… एक्सिस बैंक ने एक साल 5 दिन से लेकर 13 महीने से कम की FD पर ब्याज दर को 7.10 फीसदी से घटाकर 6.80 फीसदी कर दिया है. पीएनबी (PNB) ने 1 साल की FD पर ब्याज दर में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती है. इससे पहले बैंक ने 666 दिन की FD पर इंटरेस्ट रेट को 7.25 फीसदी से घटाकर 7.05 फीसदी कर दिया था. यूनियन बैंक ने 2 करोड़ रुपए से कम की FD की दरों में बदलाव किया है. ICICI बैंक ने 15 महीने से 3 साल तक की विभिन्न टेन्योर वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम की हैं.
ब्याज दरें घटने की क्या वजह है?
अब बात आती है बैंक ब्याज दरें घटा क्यों रहे हैं? इसकी प्रमुख वजह है आरबीआई. दरअसल, आरबीआई ने अप्रैल और जून 2023 की मौद्रिक समीक्षा समिति (MPC) की मीटिंग में नीतिगत दर यानी रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. क्योंकि महंगाई उसके टॉलरेंस लेवल 6 फीसदी से नीचे है. कयास लगाए जा रहे हैं कि RBI आगे भी रेपो रेट नहीं बढ़ाएगा. और जैसे-जैसे महंगाई घटेगी रेपो रेट नीचे आएंगे. इसलिए बैंकों ने अभी से ब्याज दरें घटाना शुरू कर दिया है ताकि कस्टमर को डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज नहीं देना पड़े. दूसरी वजह है RBI का 2000 रुपए की करेंसी वापस लेना. 2000 रुपए के नोट सर्कुलेशन से वापस लेने के फैसले से बैंकों के पास शॉर्ट टर्म के लिए पर्याप्त पूंजी जमा हो जाएगी.
बैंक की कमाई का मुख्य जरिया लोन से मिलने वाले ब्याज है. आम आदमी बैंक में जो पैसे डिपॉजिट करता है, बैंक उसे ही कर्ज पर चढ़ाकर ब्याज वसूलते हैं… इसी से डिपॉजिट पर ब्याज दिया जाता है. जब बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी होगी तो उन्हें जमाकर्ताओं को ज्यादा ब्याज ऑफर करके जमा बढ़ाने की जरूरत नहीं है. ऐसे में बैंक जमा यानी डिपॉजिट पर ब्याज दरें घटा सकते हैं.
ज्यादातर फिक्स्ड डिपॉजिट के रेट पिछले एक साल में बढ़े हैं. छोटी अवधि यानी कि 1 से 3 साल तक की FD की दरों में ज्यादा बदलाव हुआ है. लंबे टेन्योर की FD की ब्याज दरों में उतनी वृद्धि नहीं की गई जितनी छोटी अवधि की FD में की गई… ऐसे में अगर मुकेश लंबी अवधि की FD लेते हैं तो उनके पास फैसला लेने के लिए अभी कुछ वक्त है. लेकिन अगर मुकेश शॉर्ट से मीडियम टर्म यानी 3 साल तक की FD लेना चाह रहे हैं तो उन्हें मौजूदा ऊंचे इंटरेस्ट रेट का फायदा लेने के लिए अभी FD करा लेनी चाहिए. आगे उन्हें जल्द ऐसा मौका नहीं मिलेगा.