किसानों को बहीखाते में नहीं होगी कोई दिक्कत, SBI Yono इस कंपनी के साथ मिलकर ला रहा एप

SBI YONO और शिवराय टेक मिलकर फार्मिजो खाता एप उतारेंगे. इस एप के जरिए किसानों को अपनी फसल की लागत और प्रॉफिट का सही अंदाजा लगेगा.

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PTI

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देशभर के किसानों के खातों का ठीक से रखरखाव करने के लिए SBI YONO ने एग्रीटेक कंपनी शिवराय टेक्नोलॉजीज के साथ हाथ मिलाया है. इस साझेदारी के साथ दोनों कंपनियां मिलकर अपना B2C फार्म अकाउंटिंग मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करेंगी.

इस एप का नाम फार्मिजोखाता (FarmizoKhata) रखा गया है. इसके जरिए देश के लाखों किसानों को अपने खाते को ठीक से मैनेज करने में मदद मिलेगी.

शिवराय टेक्नोलॉजीज को हाल में ही 25 साल पूरे हुए हैं. कंपनी स्पेस और एग्रीटेक में सॉल्यूशंस मुहैया कराती है. SBI के YONO और शिवराय टेक्नोलॉजीज आपसी साझेदारी के जरिए किसानों को बड़ी मदद मुहैया कराएंगे.

किसानों को मिलेगा लागत खर्च और नफे-नुकसान का पूरा आइडिया

गौरतलब है कि किसानों को जानकारी के अभाव, बहीखाते के रखरखावे में स्किल्स के अभाव और अच्छी तरह से अपने खर्चों को मैनेज न कर पाने के चलते बड़े नुकसान का सामना करना पड़ता है. इस एप से किसानों को अपनी फसल की लागत और उसमें होने वाले नफे-नुकसान की पूरी जानकारी मिल पाएगी.

किसानों को इससे बचाने के लिए SBI Yono और शिवराय मिलकर उन्हें एक मुफ्त एप्लिकेशन मुहैया कराएंगे. इसके जरिए किसान अपने खर्चों का हिसाब रख पाएंगे और साथ ही उन्हें पता चल सकेगा कि उन्हें कितना नफा या नुकसान हुआ है.

इसके अलावा, किसान अपने प्रॉफिट, लॉस और खर्चों का विश्लेषण भी कर पाएंगे. इससे वे फसल के लिए की जाने वाली खरीदी, कटाई और उत्पादन को लेकर ज्यादा बेहतर फैसले कर पाएंगे.

आपकीखेती का हिसाबकिताब गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर पर मौजूद है. साथ ही यह डिजिटल पोर्टल के रूप में भी मौजूद है. शिवराय यह अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पूरे देश में मुफ्त में मुहैया करा रही है.

यह कैसे काम करता है?

इसमें यूजर्स को अपनी बेसिक जानकारियां दर्ज करके अपना प्रोफाइल तैयार करना होता है. इसके बाद सॉफ्टवेयर उन्हें उनके प्लॉट के ब्योरे और फसल की सूचना दर्ज करने के लिए गाइड करता है. इससे किसान अपनी फसलों की जियो-टैगिंग भी कर सकते हैं.

अगले चरण में किसानों को हर प्लॉट पर लगने वाली अपनी लागत का ब्योरा दर्ज करना पड़ता है. साथ ही उन्हें अपनी आमदनी और प्रॉफिट या लॉस के बारे में बताना पड़ता है.

इसके  बाद सॉफ्टवेयर किसानों के लिए उनकी हर फसल का प्रति किलो और प्रति एकड़ के हिसाब से उत्पादन लागत बता देता है. इसके अंत में सॉफ्टवेयर एक आसान लेजर में खाता  तैयार कर देता है जिसमें किसान के सभी लेनदेन का ब्योरा होता है.

Published - April 29, 2021, 01:09 IST