केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर रजिस्ट्रेशन या फिर रिन्यूअल चार्ज नहीं लेने का फैसला लिया है. एक अगस्त को सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है जिसके तहत बैटरी से चलने वाले व्हीकल्स पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट या फिर रिन्यूअल नहीं लिया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ई व्हीकल्स (e vehicle) के लिए नए रजिस्ट्रेशन तक को फीस मुक्त रखने का फैसला लिया है. जानकारों की मानें तो सरकार के इस कदम से ई-व्हीकल्स (e vehicle) के मार्केट में एक बड़ा बदलाव आ सकता है. ग्राहकों को सीधे तौर पर एक गाड़ी पर हजारों रुपये की बचत होने वाली है.
सरकार ने राज्यों से भी इस तरह की छूट देने के लिए कहा है ताकि ई व्हीकल्स (e vehicle) की संख्या बढ़ सके. दरअसल सरकार आने वाले दिनों में हर राज्य के लिए प्रति माह व्हीकल्स रजिस्ट्रेशन में इलेक्ट्रिक की कुछ फीसदी तक अनिवार्यता कर सकती है. हालांकि अभी इसे लेकर अनुमति नहीं मिली है लेकिन जानकारों की मानें तो इसे लेकर योजना लगभग बनकर तैयार है.
अब सरकार ने राज्यों से ई व्हीकल्स (e vehicle) पर छूट या सब्सिडी देने के लिए भी कहा है. दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में काफी छूट दी जा रही है. यहां 15 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिल रही है. जबकि अन्य राज्यों में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की पॉलिसी पर काम चल रहा है.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग के एमएलओ राहुल खत्री बताते हैं कि राजधानी में अभी रजिस्ट्रेशन इन व्हीकल्स पर नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से कम से कम चार से पांच हजार रुपये का फायदा कस्टमर्स को होता है. इसके अलावा सब्सिडी अलग से मिलती है. उन्होंने यह भी बताया कि फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-2) स्कीम 31 मार्च, 2024 तक लागू है. इसके तहत सरकारें अपने-अपने राज्य में पॉलिसी पर काम कर रही हैं.