कोविड महामारी से फैली तबाही के बीच सरकार ने प्राइवेट या सरकारी नौकरी करने वालों को एक बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार ने कोविड से मरने वाले सभी कर्मचारियों के परिवारों को फैमिली पेंशन और बीमा संबंधी बड़े ऐलान किए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि अब कोविड के चलते परिवार में कमाने वाले सदस्य की मौत होने पर फैमिली पेंशन, बीमा राशि के साथ ही आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.
पारिवारिक पेंशन के अलावा, कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना के तहत बीमा लाभों को बढ़ाया और उदार बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कहा है कि इन कदमों से इन परिवारों के सामने आने वाली वित्तीय कठिनाइयों को कम करने में मदद मिलेगी. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इन परिवारों के साथ खड़ी है.
सरकार ने कहा कि ऐसे पीड़ित परिवार सम्मान का जीवन जी सकें और जीवन स्तर को बेहतर बनाए रख सकें, इसके लिए रोजगार से संबंधित मृत्यु के मामलों के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) की पेंशन योजना का लाभ अब उन लोगों तक भी पहुंचाया जा रहा है जिनकी मृत्यु कोरोना के कारण हो गई है.
इन व्यक्तियों के आश्रित परिवारिक सदस्य मौजूदा मानदंडों के अनुसार संबंधित कर्मचारी या कामगार के औसत दैनिक वेतन या पारिश्रमिक के 90 फीसदी के बराबर पेंशन का लाभ पाने के हकदार होंगे. यह लाभ 24 मार्च 2020 से लागू माना जाएगा और इस तरह के सभी मामलों के लिए यह सुविधा 24 मार्च 2022 तक उपलब्ध होगी.
ESIC ने अपने बीमित व्यक्ति की सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाते हुए एक नई विशेष लाभ योजना का प्रावधान किया है. ESIC ने IP’s के लिए मृत्यु की परिभाषा में बदलाव करते हुए इन परिभाषा में कोविड-19 से हुई मृत्यु को भी शामिल कर लिया गया है. कोविड के कारण घर पर हुई मृत्यु भी इसमें शामिल होगी.
Family Pension under ESIC and EPFO- Employees’ Deposit Linked Insurance Scheme will provide a financial cushion to those families who have lost their earning member due to COVID-19. GOI stands in solidarity with these families. https://t.co/ppfmf5Q66y
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2021
गौरतलब है कि सरकार ने कोविड की वजह से अनाथ हुए बच्चों की पूरी देखरेख करने का भी बड़ा ऐलान शनिवार को किया है. इसके तहत जिन बच्चों के मां-बाप कोविड की वजह से गुजर गए हैं उनकी पढ़ाई लिखाई का खर्च सरकार उठाएगी. साथ ही ऐसे बच्चों का इंश्योरेंस भी सरकार करेगी और 23 साल की उम्र पर इन्हें 10 लाख रुपये की पूंजी भी दी जाएगी.