पीरामल ग्रुप ने बुधवार को घोषणा की है कि कंपनी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है और इस अधिग्रहण को पूरा करने के लिए उसने 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. पीरामल कैपिटल और हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (PCHFL) का विलय डीएचएफएल के साथ किया जाएगा. इसके बाद नई बनने वाली इकाई का नाम पीसीएचएफएल होगा.
पिरामल एंटरप्राइजेज ने बताया कि DHFL के अधिग्रहण के लिए कुल 38,000 करोड़ रुपये चुकाए हैं. इसमें 34,250 करोड़ रुपये पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस (PCHFL) ने कैश दिया है, जबकि 3800 करोड़ रुपये के नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स इश्यू किए हैं.
जानें क्या कहा कंपनी ने?
पीरामल ग्रुप ने अपने एक बयान में कहा कि इस समाधान के माध्यम से DHFL के अधिकांश ऋणदाताओं को उनके कर्ज की लगभग 46% रिकवरी हुई है.
2 माह पूर्व राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि. (डीएचएफएल) की समाधान योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. विलय के बाद जो नई कंपनी बनेगी उस पर 100% पिरामल एंटरप्राइजेज का अधिकार होगा. वैल्यू के लिहाज से देखें तो रेजॉल्यूशन के लिए गई किसी कंपनी को पहली बार यह कीमत मिली है.
जनवरी 2021 में DHFL के 94% क्रेडिटर्स या कर्ज देने वालों ने पीरामल के रेजॉल्यूशन प्लान के सपोर्ट में वोट किया था. यह ट्रांजैक्शन पूरा करने के लिए RBI, CCI, NCLT की भी मंजूरी लेनी पड़ी.
क्या था मामला
वित्तीय कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के लिए पीरामल, अडानी समेत चार कंपनियों ने बोली लगाई थी, लेकिन बाद में इसमें पीरामल को जीत मिली. DHFL दिवालिया प्रक्रिया में रखी गई पहली वित्तीय सेवा कंपनी थी.
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) को दिए 3,688.58 करोड़ रुपये के लोन को फ्रॉड घोषित किया था.
कई घोटालों में शामिल थी DHFL
यह वही कंपनी है जिसकी यस बैंक में भी लोन धोखाधड़ी को लेकर जांच चल रही है. कंपनी के प्रमोटर वधावन बंधु गिरफ्तार हैं और प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी संपत्ति कुर्क की है. येस बैंक लोन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक के पूर्व प्रमुख राणा कपूर और DHFL के प्रमोटर्स कपिल वधावन और धीरज वधावन की अरबों की प्रॉपर्टी अटैच की है