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मौसम विभाग के आंकड़े देखें तो अक्टूबर के पहले 10 दिन दिल्ली में सामान्य के मुकाबले 8 गुना अधिक बरसात हुई है.
इस साल गेहूं की उपज पहले ही कम है, धान का रकबा घटने की वजह से चावल उत्पदान भी घटने का अनुमान है.
शादी-ब्याह, त्योहार आदि पर सोने का क्रेज बढ़ जाता है. खासकर महिलाएं सोने को निवेश का सबसे बढ़िया रास्ता मानती हैं.
चालू खाते के प्रबंधन के मोर्चे पर सरकार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. एक तरफ महंगा आयात चुनौती बना हुआ है.
वाहन उद्योग के लिए ये समय बड़ा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि साल के आखिरी चार महीने ही ऑटो बिक्री के लिए सबसे महत्वसपूर्ण माने जाते हैं.
ऑटो इंडस्ट्री में त्योहारी सीजन में सेल को लेकर वाहन कंपनियों के प्रमुख क्या कहते हैं? आखिर शोरूम से टू व्हीलर खरीदने वाले कहां चले गए हैं?
पिछले साल 8 सितंबर को ही सरकार ने सभी रबी फसलों का MSP घोषित कर दिया था. लेकिन इस बार सरकार घोषणा में देरी क्यों कर रही है? देखिए ये रिपोर्ट-
पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में एक किलो CNG के लिए 48 रुपए से कम कीमत चुकानी पड़ती थी. अब भाव 75 रुपए के ऊपर है.
आखिर ये LTGC और STCG लगता कब है? जब कोई संपत्ति, जैसे जमीन, घर या शेयर बेचे जाते हैं, तब इनकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर कैपिटल गेंस लगता है.
रुपया कमजोर होने से एक्सपोर्ट बढ़ता है. इस बार भी बढ़ रहा है लेकिन रुपए की गिरावट का जितना फायदा होना चाहिए था. वैसा मिल नहीं रहा.