बरमूडा और मॉरीशस से अदानी समूह के शेयरों में निवेश करने वाले 8 में से 6 पब्लिक फंड अब बंद हो चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह आरोप है कि इन फंड्स का इस्तेमाल अदानी समूह से जुड़े लोगों ने ही समूह की कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए किया था. मिंट में छपी एक खबर के मुताबिक इनमें से कुछ फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साल 2020 में अडानी समूह की जांच शुरू करने के बाद बंद किए गए हैं.
मॉरीशस स्थित दो फंड पिछले साल बंद कर दिए गए थे और एक तीसरा फंड इस साल बंद होने की प्रक्रिया में है. अब इन फंड्स के बंद होने की वजह से SEBI के लिए इन फंड्स के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना और उनका पता लगाना मुश्किल हो सकता है. .
ऑर्गेनाइजड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) ने हाल में आरोप लगाया था कि अदानी परिवार से जुड़े व्यक्तियों ने इन फंड्स का इस्तेमाल अदानी समूह की कंपनियों में पर्याप्त स्वामित्व हासिल करने के लिए किया. इससे भारत में लिस्टिंग कंपनियों में प्रमोटर्स के लिए तय अधिकतम स्वामित्व कानून का उल्लंघन हुआ है.
मिंट की खबर के मुताबिक अगर SEBI ने पहले ही इन बंद होने वाली संस्थाओं की जांच शुरू की होती तो नियामक के लिए अदानी समूह के शेयर की कीमतों में हेरफेर करने वालों के बारे में पता करना आसान होता. फंड बंद होने से इनसे जुड़ी जानकारी उपलब्ध नहीं है. इस वजह से सेबी को इन संस्थाओं से लाभान्वित व्यक्तियों की पहचान करने में मुश्किल हो रही है.
ये हैं बंद होने वाले फंड
दो नियामक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे फंड आमतौर पर लंबी अवधि के लिए चलाए जाते हैं. ऐसे में उन्होंने इन फंड्स के जल्दी बंद होने पर हैरानी जताई है. मॉरीशस स्थित एसेंट ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना अप्रैल 2010 में हुई थी लेकिन जून 2019 में इसे बंद कर दिया गया. इसी तरह दिसंबर 2009 में शुरू लिंगो ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड को मार्च 2015 में बंद कर दिया गया.
मिड ईस्ट ओशन ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड सितंबर 2011 में बना और पिछले साल अगस्त में बंद हो गया. वहीं EM रिसर्जेंट फंड मई 2010 में बनाया गया था और पिछले साल फरवरी में बंद कर दिया गया था. मई 2010 में स्थापित एशिया विज़न फंड भी वर्तमान में अपने कामकाज को बंद करने की प्रक्रिया में है.