वैश्विक बाजार में सफेद और सेला चावल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और भाव 700 डॉलर प्रति टन की ओर बढ़ रहा है. बता दें कि वैश्विक बाजार में 20 जुलाई से चावल की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है. दरअसल, भारत ने 20 जुलाई को सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और उसके एक हफ्ते के बाद सेला चावल के निर्यात पर 20 फीसद शुल्क लगा दिया था. इसके अलावा भारत ने बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लगा दी थी.
थाईलैंड में सेला चावल एक्सपोर्ट प्राइस सबसे ज्यादा
जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में सफेद और सेला चावल का भाव 670-690 डॉलर की रेंज में पहुंच गया है. बल्क लॉजिक्स के डायरेक्टर वीआर विद्या सागर के मुताबिक थाईलैंड ने सेला चावल के लिए 670-690 डॉलर प्रति टन का भाव लगा रहा है, जबकि भारतीय सेला का भाव 500 डॉलर प्रति टन फ्री ऑन बोर्ड है, जिसमें 20 फीसद निर्यात शुल्क भी शामिल है. उनका कहना है कि भारत में सेला चावल की कीमतों में गिरावट आई है और यही वजह है कि भारत के द्वारा सेला चावल का भाव कम लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जुलाई के दौरान भारत के घरेलू बाजारों में सेला चावल का भाव 39,000 रुपए प्रति टन से गिरकर 32,000 रुपए प्रति टन के स्तर तक पहुंच गया है.
चावल कारोबारियों का कहना है कि भारत के द्वारा चावल निर्यात पर कई तरह के अंकुश लगाने की वजह से कई देश खासकर दक्षिण एशिया के देश प्रभावित हुए हैं, जिनमें फिलीपींस और मलेशिया समेत अन्य देश शामिल हैं. मलेशिया के स्थानीय मीडिया के मुताबिक आयातित चावल के भाव बढ़ने की वजह से मलेशिया में उसकी सप्लाई काफी कम हो गई है. रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि चावल के व्यंजनों के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं. अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार मजबूत मांग को देखते हुए थाईलैंड के निर्यात और घरेलू चावल के दाम में बीते हफ्ते 1-3 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.