जैविक खेती योजना (Organic Farming Scheme): अगर आप राजस्थान के किसान हैं और जैविक खेती करना चाहते हैं, तो जैविक खेती योजना का लाभ उठा सकते हैं. जैविक विधि से उत्पादित खाद्य सामग्री की बढ़ती मांग को देखते हुए बागवानी फसलों में जैविक खेती को बढावा देने हेतु लागत का 50 फीसदी, अधिकतम 10000/-रूपये प्रति हैक्टेयर प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हैक्टेयर क्षेत्र तक तीन वर्षो में 40:30:30 के अनुपात में अनुदान देय है. इसमें पहले वर्ष में 4000 रुपये और दूसरे व तीसरे साल में 3000 रुपये दिये जाते हैं. राजस्थान सरकार के जन कल्याण पोर्टल के अनुसार, जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण हेतु 50 हैक्टेयर के क्लस्टर लिये 5 लाख रूपये, जो कि पहले वर्ष में 1.50 लाख रुपये, दूसरे वर्ष में 1.50 लाख रुपये और तीसरे वर्ष में 2 लाख रुपये अनुदान देय है.
पात्रता
किसान के पास स्वयं की भूमि (कम से कम एक हैक्टेयर), पशुधन, पानी एवं कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता हो.
किसान लगातार तीन वर्ष तक चयनित खेत में जैविक विधि से फसल उत्पादन लेने पर सहमत हो.
किसान जैविक खेती प्रमाणीकरण के लिये प्रमाणीकरण संस्था से जुड़ने के लिये सहमत हो.
किसान जैविक खेती के लिए चयनित खेत में फसल चक्र की सभी फसलों को जैविक कृषि क्रियाओं के आधार पर लेने पर सहमत हो.
जैविक खेती कार्यक्रम में जैविक गांव व जैविक खेती से जुडे़ कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है.
अनुदान प्रक्रिया
जैविक खेती कार्यक्रम 50 हैक्टेयर क्षेत्र के कृषक समूह में लिया जाना होगा. जैविक खेती अपनाने पर जैविक आदानों की इकाई लागत का 50 फीसदी अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से अधिकतम 4 हैक्टेयर क्षेत्र तक तीन वर्षों में 40:30:30 के अनुपात में निम्नानुसार अनुदान देय होगा- पहली किश्त- पहले वर्ष में 4000 रूपये प्रति हैक्टेयर, दूसरी किस्त- दूसरे वर्ष में 3000 रूपये प्रति हैक्टेयर और तीसरी किस्त- तीसरे वर्ष में 3000 रूपये प्रति हैक्टेयर. कृषकों को अनुदान किश्त का भुगतान एक मुश्त RTGS के माध्यम से किया जायेगा.
आवेदन कैसे करें
इस योजना का फायदा उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. किसान ई-मित्र पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. जैविक खेती के लिए आवेदन नि:शुल्क हैं. बता दें कि इस योजना की 40 फीसद लागत राज्य सरकार और 60 फीसद लागत केंद्र सरकार वहन करती है.