क्यों लग रहे ऑनलाइन गेमिंग पर आरोप और क्या कदम उठा सकती है सरकार?

जुआ खिलाने के आरोपों में तो ऑनलाइन गेमिंग की इंडस्ट्री पहले ही घिरी हुई थी और अब आरोप टैक्स चोरी के भी लग रहे हैं.

क्यों लग रहे ऑनलाइन गेमिंग पर आरोप और क्या कदम उठा सकती है सरकार?

मोबाइल पर Rummy, Candy Crush और Temple Run जैसी गेम्स की पारी अब खत्म हो सकती है. जुआ खिलाने के आरोपों में तो ऑनलाइन गेमिंग की इंडस्ट्री पहले ही घिरी हुई थी और अब आरोप टैक्स चोरी के भी लग रहे हैं. यही वजह है कि कई राज्य इस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. तमिलनाडु सरकार तो ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध के लिए ऑर्डिनेंस लेकर आ चुकी है और राज्यपाल की मंजूरी के बाद प्रतिबंध भी लग जाएगा. तमिलनाडु के अलावा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक भी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं.

और हाल में लगे टैक्स चोरी के आरोपों के बाद यह मांग और जोर पकड़ सकती है. बेंगलुरू की कंपनी Gameskraft Technology पर 21000 करोड़ रुपए टैक्स चुराने का आरोप लगा है और जीएसटी इंटेलीजेंस यानी DGCI ने इस आरोप में कंपनी को नोटिस भी भेजा है. बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार कितना बढ़ा है, इसका अंदाजा इनके विज्ञापन देखकर लगाया जा सकता है. देश के महंगे फिल्म स्टार और क्रिकेट खिलाड़ी इन गेम्स के ब्रांड एंबेसेडर बन चुके हैं.

सेकोइआ और बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप की एक रिपोर्ट बताती है कि भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री का कुल राजस्व इस समय1.8 अरब डॉलर है और 2025 तक इसके बढ़कर 5 अरब डॉलर होने की उम्मीद है. अमेरिका और चीन की तुलना में यह इंडस्ट्री भारत में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. ग्रोथ के मामले में इसने OTT और सोशल मीडिया को भी पीछे छोड़ दिया है. 2 साल पहले तक ऑनलाइन गेमिंग के लिए देश में 275 से ज्यादा कंपनियां हो चुकी हैं जबकि 2010 में यह आंकड़ा सिर्फ 25 था.

स्मार्टफोन के बढ़ते बाजार और बेहतर इंटरनेट सेवा की वजह से डिजिटल गेमिंग में मोबाइल गेमिंग का बाजार तेजी से फैल रहा है. डिजिटल गेमिंग में 86 फीसद हिस्सेदारी मोबाइल पर खेली जाने वाली गेम्स की हो चुकी है. गूगल प्ले स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली मोबाइल ऐप्स में अधिकतर ऐप्स आनलाइन गेमिंग कंपनियों की हैं.

सरकार के प्रतिबंध लगाने से पहले हर महीने करीब 5 करोड़ लोग PubG खेल रहे थे. लूडो किंग और एमपीएल जैसे गेम और प्लेटफॉर्म को प्ले स्टोर से 10 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है. ऑनलाइन गेमिंग कराने वाली इन कंपनियों पर लंबे समय से ऑनलाइन जुआ खिलाने और गेमिंग की लत लगाने का आरोप लगता आया है. कई बार तो इनके विज्ञापनों पर शिकायत भी दर्ज हुई है और अब टैक्स चोरी के आरोपों ने इस पूरे बिजनेस मॉडल को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

Published - September 29, 2022, 12:50 IST