डिजिटल पेमेंट में धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों की मददगार बनेगी नेशनल हेल्पलाइन

Online Fraud: हेल्पलाइन की मदद से अब तक 1.85 करोड़ रुपये को फ्रॉड करने वालों के हाथों में पड़ने से बचाया जा चुका है.

Online Fraud, national helpline, digital transaction, cyber fraud, money lost, fishing

Pic Courtesy: Pixabay, हेल्पलाइन की सुविधा लेने के लिए शिकायतकर्ता को पहले 155260 पर कॉल करना होगा.

Pic Courtesy: Pixabay, हेल्पलाइन की सुविधा लेने के लिए शिकायतकर्ता को पहले 155260 पर कॉल करना होगा.

Online Fraud: देश में डिजिट पेमेंट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ने के बीच केंद्र सरकार ने ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाया है. साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए गृह मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर 155260 की शुरुआत की है. नेशनल हेल्पलाइन एंड रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म नाम से शुरू हुई इस सुविधा में Online Fraud का शिकार हुए लोग शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में पहले से हो रहा है. इन सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में देश की करीब 35 प्रतिशत आबादी बसती है. लॉन्च होने के दो महीने के अंदर ही हेल्पलाइन की मदद से अब तक 1.85 करोड़ रुपये को फ्रॉड करने वालों के हाथों में पड़ने से बचाया जा चुका है.

शिकायतकर्ता को पहले इस नंबर पर कॉल करना होगा

हेल्पलाइन की सुविधा लेने के लिए शिकायतकर्ता को पहले 155260 पर कॉल करना होगा. इस पर उनका संपर्क राज्य पुलिस से होगा. फर्जीवाड़े में फंसे ट्रांजैक्शन की डिटेल्स और कुछ निजी जानकारी देनी होगी.

कॉलर से मिली जानकारियों को सिटिजन फाइनैंशियल साइबर फ्रॉड्स रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम पर दर्जा कराया जाएगा. इस शिकायत को फिर संबंधित बैंक, वॉलेट, मर्चेंट तक पहुंचाया जाएगा.

फ्रॉड का शिकार हुए शख्स को दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा नंबर SMS के जरिए भेजा जाएगा. उसके 24 घंटे के अंदर शिकायतकर्ता को फ्रॉड से जुड़ी पूरी जानकारी नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर डालनी होगी.

इसके बाद संबंधित बैंक ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारी की अपने सिस्टम पर जांच करेगा. अगर भेजे गए पैसे अभी भी बैंक के नेटवर्क पर मौजूद हुए तो उस राशि को होल्ड पर डाल दिया जाएगा. फ्रॉड करने वाला फिर उसे निकाल नहीं सकेगा.

अगर पैसे किसी अन्य बैंक के नेटवर्क पर पहुंच चुके हैं, तो फ्रॉड की जानकारी उस तक पहुंचाई जाएगा. यह प्रक्रिया तब कर जारी रहेगी, जब तक फर्जीवाड़े में फंसाए गए पैसे सुरक्षित नहीं हो जाते.

Published - July 30, 2021, 02:09 IST