अब नहीं बच सकेंगे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वाले, 15 दिन में ऑटोमैटिक आ जाएगा चालान

सड़क पर चलते हुए आपने रेड लाइट जंप की या गाड़ी की स्पीड तेज रखी तो आप इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से बच नहीं पाएंगे. चालान 15 दिन के अंदर आपके पास पहुंच जाएगा

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यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 380 पर आ जाएगी

यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 380 पर आ जाएगी

ट्रैफिक रूल्स को नजरअंदाज करने वालों के लिए एक बुरी खबर है. अब अगर सड़क पर चलते हुए आपने रेड लाइट जंप की या फिर गाड़ी की स्पीड तेज रखी तो आप इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से बच नहीं पाएंगे. अक्सर ट्रैफिक पुलिस के पकड़े जाने पर लोग ‌तरह-तरह के बहाने देकर छूट भी जाते हैं लेकिन इन डिवाइस के जरिए आपका चालान खुद ब खुद कट जाएगा और 15 दिन के अंदर यह आप तक पहुंच जाएगा.

132 शहरों में लगाई जाएगी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस

सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की है. इस संबंध में मंत्रालय ने ट्वीट भी किया है.
मंत्रालय के अनुसार 132 शहरों में सबसे पहले इन डिवाइस को लगाया जाएगा. इनमें आंध्र प्रदेश के 13, असम के पांच, बिहार के तीन, चंडीगढ़, दिल्ली, छत्तीसगढ़ के तीन, गुजरात के चार, हिमाचल प्रदेश के सात, जम्मू कश्मीर के दो, झारखंड के तीन, कर्नाटक के चार, मध्यप्रदेश के सात, महाराष्ट्र के 19, पंजाब के 9, राजस्थान के पांच, यूपी के 17, उत्तराखंड के तीन, पश्चिम बंगाल के सात और हरियाणा के फरीदाबाद में सबसे पहले डिवाइस चौराहे और गोल चक्कर पर लगेंगे.

ऐसा होगा चालान का नोटिस

चालान नोटिस में सबूत के तौर पर नंबर प्लेट का फोटो होगा और कौन सा नियम तोड़ा है, इसकी जानकारी होगी. इसके अलावा उस दिन का समय, electronic enforcement devices डेट और किस जगह पर नियम तोड़ा है, यह भी सब लिखा होगा. इस नोटिस में उस इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में उल्लंघन पकड़ने वाले उपकरण का विवरण होगा, जिससे पता चलेगा कि वह इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड कंप्यूटर से तैयार हुआ है. इतना ही नहीं इस नोटिस पर राज्य सरकार की तरफ से अधिकृत अधिकारी का हस्ताक्षर भी रहेगा.

पकड़े जाने पर बताने लगते थे झूठी परेशानी

अक्सर सड़कों पर तेज दौड़ते वाहन जब ट्रैफिक पुलिस की पकड़ में आते तो किसी-किसी का चालन नहीं भी होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि पकड़े जाने के बाद यह लोग तरह-तरह के बहाने बना देते हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के ही अनुसार हर दिन 10 में से 6 लोग रूल्स तोड़ने के पीछे किसी इमरजेंसी का बहाना देते हैं. जबकि सख्त नियम होने के बाद भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं. अब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगने के बाद इनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा, फिर चाहे इनका बहाना कोई भी हो.

Published - August 19, 2021, 04:39 IST