अब दिल्ली के लोगों को मिलेगी प्रदूषण से निजात, देश का पहला स्मॉग टावर कनॉट प्लेस में शुरू

देश का पहला स्मॉग टावर दिल्‍ली के कनॉट प्लेस में शुरू हुआ है. दिल्ली सरकार इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया है. आने वाले समय में और भी टावर लगेंगे

Now the people of Delhi will get rid of pollution, the country's first smog tower starts in Connaught Place

राजधानी के पहले स्मॉग टावर की ऊंचाई 24 मीटर है. यह प्रति सेकंड 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा. टावर के जरिये एक किलोमीटर के दायरे में हवा साफ हो सकेगी.

राजधानी के पहले स्मॉग टावर की ऊंचाई 24 मीटर है. यह प्रति सेकंड 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा. टावर के जरिये एक किलोमीटर के दायरे में हवा साफ हो सकेगी.

अब दिल्ली के लोगों को प्रदूषण (Pollution) से होने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ती समस्या से निजात पाने के लिए देश का पहला स्मॉग टावर (Smog Tower) कनॉट प्लेस में लगाया गया. इसका उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार 23 अगस्त को किया. अभी दिल्ली सरकार ने इस टावर को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया है. आने वाले समय में दिल्ली में और भी स्मॉग टावर लगाए जाएंगे. सीएम ने कहा कि इस तकनीक को अमेरिका से आयात किया गया है. अगले एक महीने में स्मॉग टावर के डाटा से पता चल जाएगा कि यह कितना प्रभावी है.

40 पंखे और 5000 एयर फिल्टर लगे हैं टॉवर में

राजधानी के पहले स्मॉग टावर की ऊंचाई 24 मीटर है. यह प्रति सेकंड 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा. टावर के जरिये एक किलोमीटर के दायरे में हवा साफ हो सकेगी. स्मॉग टावर में 40 पंखे लगाए गए हैं. इसके अलावा 5000 एयर फिल्टर भी लगे हैं. इस टावर की खासियत यह है कि यह टावर ऊपर से ही हवा को सोख लेगा और फिल्टर हवा को पंखों के जरिये जमीन के पास छोड़ेगा.

डेटा से पता चलेगा कितना प्रभावी है स्मॉग टावर

सीएम केजरीवाल ने बताया कि आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे की देख रेख में तैयार हुए इस प्रोजेक्ट को टाटा प्रोजेक्ट्स ने बनाया है. स्मॉग टावर कितना प्रभावी है इसे लेकर डेटा का एनालिसिस किया जाएगा। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे को इस डेटा के एनालिसिस करने की जिम्मेदारी दी गई है.

कैसे काम करेगा स्मॉग टावर

स्मॉग टॉवर एक चिमनी के आकार की संरचना है जो कि रेडीमेड कंक्रीट से भी बनाई जा सकती है. स्मॉग टॉवर अपने आस-पास की प्रदूषित हवा को सोख लेता है और फिर इसमें लगे कई फिल्टरों की सहायता से इसे साफ़ करके दुबारा पर्यावरण में छोड़ देता है. यह एक एयर प्यूरीफायर की तरह काम करता है. उतनी ही अधिक हवा को साफ करेगा. इनको बिजली और सोलर पावर से भी चलाया जा सकता है.

Published - August 23, 2021, 03:21 IST