केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को देश का पहला कार दुर्घटना परीक्षण कार्यक्रम ‘Bharat NCAP’ पेश किया। इसका मकसद 3.5 टन तक के मोटर वाहनों के सड़क सुरक्षा मानकों में सुधार करना है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि यह वाहन उद्योग और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इससे वाहनों की सुरक्षा सुविधाओं में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि Bharat NCAP (New Car Assessment Program) तंत्र को सभी हितधारकों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित तरीके से तैयार किया गया है। गडकरी ने कहा कि देश दो चुनौतियों सड़क दुर्घटना और वायु प्रदूषण का सामना कर रहा है। भारत में हर साल करीब पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें करीब 1.5 लाख लोगों की जान जाती है।
कार्यक्रम के तहत, कार विनिर्माता स्वेच्छा से वाहन उद्योग मानक (एआईएस) 197 के अनुसार परीक्षण किए गए अपने वाहनों की पेशकश कर सकते हैं। भारत एनसीएपी एक अक्टूबर, 2023 से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एनसीएपी देश का अपना टक्कर या दुर्घटना परीक्षण कार्यक्रम है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है… विदेश में ऐसे परीक्षण की लागत 2.5 करोड़ रुपये है। भारत में (भारत एनसीएपी के तहत) यह 60 लाख रुपये बैठेगी।’’
इस परीक्षण में कार के प्रदर्शन के आधार पर, उसे शून्य से पांच के पैमाने पर स्टार रेटिंग दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि आज बाजार में लागत की जगह गुणवत्ता पर अधिक जोर दिया जा रहा है। ग्राहक गुणवत्ता को लेकर, मॉडल को लेकर, डिजाइन को लेकर सतर्क रहते हैं।
उन्होंने कहा कि जो कंपनियां अच्छी तकनीक का उपयोग करके अच्छे मॉडल बना रही हैं, उनकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ने वाली है। जो लोग बदलाव नहीं कर रहे हैं, वे इसके नतीजे भुगतने लगे हैं। गडकरी ने कहा कि वाहन परीक्षण के लिए कई कंपनियों से अनुरोध मिले हैं। इसके तहत 30 से अधिक मॉडलों का परीक्षण किया जाना है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय वाहन उद्योग को 12.50 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का तीसरा बड़ा वाहन बाजार बन गया है। वाहन उद्योग ने देश के पहले ‘वाहन दुर्घटना’ परीक्षण कार्यक्रम ‘भारत एनसीएपी’ की सराहना की है।
उद्योग ने कहा कि इससे देश में वाहन सुरक्षा मानकों को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। रेटिंग प्रणाली से ग्राहकों को खरीदारी के वक्त सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। मारुति सुजुकी इंडिया ने कहा कि वह पहले चरण में इस कार्यक्रम के तहत परीक्षण के लिए कम से कम तीन मॉडल पेश करेगी। दूसरी ओर हुंदै मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रेनो जैसी बाकी कंपनियों ने भी कार्यक्रम का पूरा समर्थन किया।
मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत में पेश होने वाली सभी कारें सरकार के अनिवार्य सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं और इसलिए सुरक्षित है। अतिरिक्त सुरक्षा चाहने वाले उपभोक्ताओं या अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं की पेशकश करने वाले विनिर्माताओं के लिए भारत एनसीएपी (बीएनसीएपी) प्रणाली एक प्रामाणिक रेटिंग प्रणाली है। इसकी मदद से ग्राहक बेहतर जानकारी के साथ उपलब्ध विकल्पों में चुनाव कर सकेंगे।’’
उन्होंने कहा, ’’मारुति सुजुकी सरकार की इस पहल का स्वागत करती है और पहले चरण में बीएनसीएपी परीक्षण के लिए कम से कम तीन मॉडल पेश करेगी।’’ हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अन्सू किम ने बीएनसीएपी सुरक्षा पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इससे सुरक्षा मानकों में बढ़ोतरी होगी और यह भारतीय सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित बनाएगा।
उन्होंने कंपनी की संपूर्ण उत्पाद श्रृंखला में उच्चतम सुरक्षा मानक मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्धता जताई। महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव क्षेत्र) विजय नाकरा ने कहा, ‘‘सुरक्षा हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। हमारे उत्पादों को लगातार 5-स्टार और 4-स्टार ग्लोबल एनसीएपी (जीएनसीएपी) रेटिंग मिली है। भारत एनसीएपी सरकार की सराहनीय पहल है, और हमारा मानना है कि यह भारत में वाहन सुरक्षा के मानकों को और ऊपर उठाएगा।’’