तीन बिल्डरों के दफ्तर सील, जानिए क्या है वजह?

नियोजन और वर्क सर्किल विभाग की संयुक्त टीम ने शहर के तीन बकाएदार बिल्डरों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान इनके कुल 113 फ्लैट और मार्केटिंग ऑफिस को सील कर दिया.

तीन बिल्डरों के दफ्तर सील, जानिए क्या है वजह?

फोटो साभार: News9 Live

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बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने सख्त कदम उठाया है. अब खरीदारों को फ्लैट देने में देरी और बकाया भुगतान को लेकर प्राधिकरण बिल्कुल भी रियायत बरतने के मूड में नहीं है. गुरुवार को नियोजन और वर्क सर्किल विभाग की संयुक्त टीम ने शहर के तीन बकाएदार बिल्डरों के ठिकानों पर छापेमारी की. ये तीन बिल्डर हैं गार्डेनिया ऐम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, लाजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और गार्डेनिया गेटवे इंडिया लिमिटेड. इस दौरान इनके कुल 113 फ्लैट और मार्केटिंग ऑफिस को सील कर दिया. तीनों ही बिल्डरों पर नोएडा प्राधिकरण का कुल 1085 करोड़ रुपए बकाया है.

किसके कितने ठिकाने हुए सील?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीम ने सेक्टर-46 गार्डेनिया ऐम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का टॉवर डी-2 सील कर दिया. इसमें 110 फ्लैट बिल्डर के हैं. इसके अलावा प्रोजेक्ट ऑफिस को सील कर दिया. यह प्रोजेक्ट बिल्डर को तीन सितंबर 2009 को आवंटित किया गया था. इसमें 20 टॉवर स्वीकृत हैं. इनमें सात टॉवरों का अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किए जाने के बाद अंतिम अधिभोग निरस्त किया गया. 31 मार्च 2023 तक बिल्डर पर प्राधिकरण का 603.15 करोड़ बकाया है, जिसे बिल्डर ने नहीं चुकाया है.

सेक्टर-137 लाजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के दो फ्लैट, दो स्टोर और मार्केटिंग ऑफिस पर ताला जड़ा गया है. यह प्रोजेक्ट 14 जनवरी 2010 को आवंटित किया गया था. इसमें 17 टॉवर स्वीकृत है. इनमें से 10 टॉवर का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया गया. इसपर प्राधिकरण का 379.65 करोड़ बकाया है.

सेक्टर-75 गार्डेनिया गेटवे इंडिया लिमिटेड का एक फ्लैट सील किया है. प्रोजेक्ट 12 जनवरी 2012 को आवंटित किया गया था. इसमें नौ टॉवर स्वीकृत हैं, जिनमें से किसी भी टॉवर का अधिभोग प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया. इसपर प्राधिकरण का 103.38 करोड़ रुपए बकाया है.

रजिस्ट्री को लेकर दी चेतावनी
अधिकारियों का कहना है बिल्डर ने बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के त्वरित निष्पादन कराने के लिए प्रति फ्लैट रि-शेड्यूलमेंट की योजनाओं में भी आवेदन नहीं किया. इसके साथ नोटिस जारी होने के बावजूद बकाया जमा नहीं किया. अब प्राधिकरण ने बिल्डरों को चेतावनी दी है कि बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के तुरंत निष्पादन और प्राधिकरण के बकायों की वसूली के लिए भविष्य में कार्रवाई बिल्डर परियोजनाओं के विरुद्ध की जाएगी. साथ ही अधिकारी दूसरे बकाएदारों की भी सूची तैयार कर रहे हैं.

Published - May 5, 2023, 12:51 IST