NIDM ने किया आगाहः अक्टूबर में पीक पर पहुंच सकती है कोरोना की तीसरी लहर, बच्चों के लिए बड़ा खतरा

NIDM ने तीसरी लहर को वयस्क के साथ साथ बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक बताते हुए सरकार से बेहतर चिकित्सा तैयारी की मांग की है

Vaccination record made on PM Modi's birthday, more than two crore corona vaccines were taken in a day

मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की रणनीति कोविड से बचाव में अत्यंत कारगर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की रणनीति कोविड से बचाव में अत्यंत कारगर रही है.

सितंबर महीने में दस्तक दे सकती है कोरोना की तीसरी लहर. गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) द्वारा गठित एक्सपर्ट्स की एक कमेटी ने कोविड की तीसरी लहर की चेतावनी दी है. इस कमेटी के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास चरम पर पहुंच सकती है. NIDM ने तीसरी लहर को वयस्क के साथ साथ बच्चों के लिए भी बेहद खतरनाक बताते हुए सरकार से बेहतर चिकित्सा तैयारी की मांग की है. NIDM कोरोना की तीसरी लहर के बचाव की तैयारी में काम कर रही है.

कोरोना का संक्रमण अक्टूबर में होगा पीक पर

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की तीसरी लहर अक्टूबर में पीक पर हो सकती है. बच्चों पर तीसरी लहर का प्रभाव ज्यादा होगा इसका अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है लेकिन संक्रमण बढ़ने से बच्चों में खतरा बढ़ने के चांस ज्यादा है, क्योंकि भारत में अब तक बच्चों की वैक्सीन नहीं बन पाई है.

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि बच्चों में अक्सर देखा गया है कि बिना सिम्पटम्स के ही वो कोरोना पॉजिटिव पाए है जो कि काफी खतरनाक साबित हो सकता है. हेल्थ मिनिस्ट्री के डेटा के मुताबिक जो बच्चे कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे उनमें से 60 से 70 ऐसे थे जिसमें या तो पहले से कोई बीमारी थी या फिर उनकी इम्यूनिटी कमजोर थी.

बच्चों पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं

बच्चों पर तीसरी लहर का क्या प्रभाव पड़ेगा या फिर कौन सा वैरिएंट बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है रिपोर्ट में इस बात का कोई जिक्र नहीं हैं. पहले ये बात कही जा रही रही कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक हो सकती है लेकिन एनआईडीएम की रिपोर्ट में इस बात का अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है.

रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे अलग अलग वातावरण में रहते हैं, इसलिए सभी बच्चों के लिए एक जैसी पॉलिसी नहीं बनाई जा सकती है. रिपोर्ट में सरकार से मांग की गई है कि गरीब व सड़कों पर रहने वाले और विकलांग बच्चों के लिए अलग से एक खास योजना बनानी चाहिए.

सतर्क रहें सुरक्षित रहें

रिपोर्ट में सभी से सतर्क रहते हुए एहतियात बरतने की अपील की गई है. रिपोर्ट में गांवों में स्वास्थ्य कर्मियों की कम संख्या पर चिंता जताई गई है. अगर संक्रमण तेजी से बढ़ा तो गांव के लोगों के लिए ज्यादा खतरा हो सकता है.

गावों में हेल्थ वर्कर की संख्या बढ़ाने की भी अपील की गई है. अब तक कितने लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, कोरोना का कौन सा वेरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकता है, दूसरे देशों में कोरोना की स्थिति क्या है जैसे सभी पहलुओं पर इस रिपोर्ट में चर्चा की गई है.इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दिया गया है.

Published - August 23, 2021, 06:33 IST