पीएम मोदी कल स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों से करेंगे संवाद

Narishakti Se Samvad Today: पीएम चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की नई सहायता राशि भी जारी करेंगे.

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मोदी ने कहा कि 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में से देश एक लाख मेगावाट क्षमता समय से पहले हासिल कर चुका है

मोदी ने कहा कि 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में से देश एक लाख मेगावाट क्षमता समय से पहले हासिल कर चुका है

Narishakti Se Samvad Today: देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. इसमें स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर महिलाओं ने आत्मनिर्भर भारत की नई इबारत लिखी है. कोरोना के संकट काल में भी महिलाओं मॉस्क- सेनेटाइजर बनाने से लेकर सामूहिक किचन के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने का काम किया. इन्हीं महिलाओं के सम्मान और उत्साह में 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘आत्मनिर्भर नारी-शक्ति से संवाद’ नामक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान पीएम चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की नई सहायता राशि भी जारी करेंगे.

स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों से करेंगे संवाद

कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोपहर 12.30 बजे दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे.

कार्यक्रम के दौरान पीएम स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सफलता की कहानी का संक्षिप्त विवरण तथा कम व छोटी जोत वाली खेती से पैदा होने वाली आजीविका पर एक पुस्तिका भी जारी करेंगे.

1,625 करोड़ रुपये की सहायता राशि होगी जारी

पीएम मोदी चार लाख स्व-सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की नई सहायता राशि भी जारी करेंगे. इसके अलावा वे पीएमएफएमई (पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइसेज) के तहत आने वाले 7,500 स्व-सहायता समूहों को 25 करोड़ रुपये की आरंभिक धनराशि भी जारी करेंगे.

यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना है. इसी तरह मिशन के तहत आने वाले 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को 4.13 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेंगे.

क्या है दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

इस मिशन का उद्देश्य है कि ग्रामीण इलाकों के गरीब ग्रामीण परिवारों को स्व-सहायता समूहों से जोड़ना। यह क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है और गांव के गरीबों को लंबे समय तक सहायता दी जाती है, ताकि वे अन्य तरह से भी अपनी आजीविका प्राप्त कर सकें, अपनी आय और जीवन के स्तर में सुधार ला सकें.

मिशन की कई पहलों को कार्यान्वित किया जा रहा है. स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलायें प्रशिक्षित होकर अपने समुदाय की अगुआ बन गई हैं, जैसे कृषि सखी, पशु सखी, बैंक सखी, बीमा सखी, बैंक संवाद सखी आदि. मिशन स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को शक्ति सम्पन्न भी बना रहा है.

मिशन घरेलू हिंसा, महिला शिक्षा और लैंगिक मुद्दों, पोषण, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक बना रहा है और उनकी समझ व व्यवहार को विकसित कर रहा है.

Published - August 11, 2021, 08:15 IST