इन इलाकों में 3 जून को पहुंचेगा मानसून, जानिए क्‍या हैं IMD और स्काईमेट के दावे

Monsoon: भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, केरल के तट पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून (Monsoon) 3 जून को टकराएगा.

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Image: PTI, देश की अर्थव्यवस्था बड़े तौर पर मॉनसून की बारिश पर टिकी हुई है.

Image: PTI, देश की अर्थव्यवस्था बड़े तौर पर मॉनसून की बारिश पर टिकी हुई है.

केरल में मॉनसून दो दिन की देरी के साथ 3 जून को दस्‍तक देने जा रहा है. केरल में अमूमन मॉनसून (Monsoon) 1 जून को पहुंचता है. लेकिन इस बार इसमें 2 दिन की देरी बताई जा रही है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, केरल के तट पर दक्षिण पश्चिम मॉनसून (Monsoon) 3 जून को टकराएगा. इस बार मॉनसून के सामान्‍य रहने की संभावना जताई जा रही है.

स्‍काईमेट और आईएमडी केअलग-अलग दावे

इधर प्राइवेट मौसम एजेंसी स्काईमेट भारतीय मौसम विभाग से अलग राय दे रही है. स्काईमेट का कहना है कि मॉनसून पहले ही आ गया है. पहले की घटनाएं देखें तो यह पहली बार नहीं है जब प्राइवेट और सरकारी मौसम एजेंसियों में मतभेद उभर कर सामने आए हैं.

स्काईमेट ने क्या कहा

ऐसे गतिरोध से मुक्ति पाने के लिए यही उपाय है कि आसानी से समझ लिया जाए कि मॉनसून आता है तो उसके क्या लक्षण हैं. वे कौन से संकेत होते हैं जिसे देख-परख कर आम आदमी भी जान ले कि देश में मॉनसून की आवक हो गई है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सबसे पहले केरल में पहुंचता है, उसके बाद ही वह देश के अन्य हिस्सों में निकलता है. इस आधार पर IMD बताता है कि बारिश ही पहला लक्षण है जिससे पता चलता है कि मॉनसून आ चुका है.

इसे जानने के लिए मौसम विभाग ने देश में 14 मौसम स्टेशन बनाए हैं. इन स्टेशनों में 60 परसेंट स्टेशन पर 2.5 मिमी या उससे ज्यादा बारिश दर्ज हो, वह भी लगातार दो दिन तक तो यह मॉनसून का सबसे प्रमुख लक्षण है. ये बारिश 10 मई के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज की जाती है. इसके अलावा देश में पछुआ हवा की गति और तेजी भी देखी जाती है.

इस वजह से हुई मॉनसून में देरी

इस बार भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने संभावना जताई थी कि 1 जून से पहले मॉनसून आ जाएगा. इस बार यह तारीख 31 मई तय कर दी गई. यास और ताउते तूफान को देखते हुए निर्धारित तिथि पहले कर दी गई थी. बाद में मौसम विभाग ने कहा कि मॉनसून दो दिन देर हो गया है. वजह बताई जा रही है कि कर्नाटक के तटीय इलाकों में चक्रवाती हवा का प्रभाव है जो मॉनसून के आगमन को रोक रही है. केरल में मॉनसून के आवक के बारे में भारतीय मौसम विभाग 2005 से भविष्यवाणी कर रहा है. मौसम विभाग हमेशा अपनी भविष्यवाणी में 4 दिन का एरर मार्जिन यानी कि चार दिन पहले या चार दिन बाद मॉनसून आने की भविष्यवाणी करता है.

क्‍या कहता है भारतीय मौसम विभाग

Published - June 2, 2021, 05:39 IST