फाइनेंशियल प्लानिंग करना अब कोई पहेली नहीं रह गई है. खासकर कि कोरोना के बाद की दुनिया में यह जीवन आराम से बिताने का महत्वपूर्ण साधन बन गई है. प्रचलित सेविंग्स के साधनों के इंटरेस्ट रेट गिरने से मिडल क्लास ने इक्विटी निवेश की ओर रुख किया है.
पर्सनल फाइनेंस पर फोकस करने वाली पहली वेबसाइट और TV9 नेटवर्क का हिस्सा Money9 को शुरू करने का लक्ष्य भारत को वित्तीय रूप से मजबूत बनाना रहा है. इक्विटी मार्केट की तेजी का अधिकांश जनता फायदा नहीं उठा पाती है. बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा पेश किए जाने वाले फाइनेंशियल प्रॉडक्ट भी पिछड़े वर्ग को लाभ पहुंचाने में असमर्थ रहे हैं. लोगों के बीच वित्तीय समझ बढ़ने से उनकी फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस बढ़ती है. Money9 इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है.
फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (FPSB) के साथ मिलकर Money9 ने वर्ल्ड फाइनेंशियल प्लानिंग डे (विश्व वित्तीय योजना दिवस) मनाया. पर्सनल फाइनेंस के एक्सपर्ट्स ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार रखे, जिनसे लोगों को फाइनेंशियल प्लानिंग का महत्व समझाया जा सके.
विश्व वित्तीय योजना दिवस पर FPSB ने BSE की बेल रिंगिंग सेरेमनी में हिस्सा लिया, ताकि उसका संदेश देश के सबसे बड़े शेयर बाजार सूचकांक के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके.
अकाउंट एग्रीगेटर (AA) इकोसिस्टम पर हुए पैनल डिस्कशन में सहमति के सह-संस्थापक और CEO बी जी महेश, ARIA के डायरेक्टर हर्ष रूंगटा, ICICI बैंक के ग्रुप जनरल काउंसल प्रमोद राव और ARIA के डायरेक्टर विशाल धवन ने हिस्सा लिया. FPSB लिमिटेड, इंडिया लायसन ऑफिस के कंट्री हेड राजेश कृष्णमूर्ति सेशन के मॉडरेटर थे.
सत्र के दौरान महेश ने AA की भूमिका पर चर्चा की और बताया कि कैसे यह वित्तीय जागरूकता बढ़ाने में बड़ा रूल अदा कर सकता है.
महेश ने कहा, ‘अकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम से कर्जदाताओं को सही और लेटेस्ट डेटा का एक्सेस मिलेगा. करीब 30 करोड़ बैंक खाते पहले से AA के सिस्टम में शामिल हैं. कई इंश्योरेंस कंपनियां भी इस साल के अंत तक इसका हिस्सा बन सकती है.’
राव ने कहा कि डेटा का डिजिटल तरीके से मौजूद होना और ग्राहकों की मंजूरी के बाद ही किसी तरह का ट्रांसफर होना खुद में बड़ा डिवेलपमेंट है. उन्होंने कहा, ‘फाइनेंशियल प्लानर्स को डेटा की जरूरत होती है. इसे एक जगह इकट्ठा करने से सबको फायदा होगा.’
धवन का कहना था कि इस इकोसिस्टम के चलते वित्तीय योजनाओं के बारे में चर्चाएं बढ़ेंगी. उन्होंने कहा, ‘ग्राहकों के लिए अधिकतर इन्वेस्टमेंट एडवाइजर और फाइनेंशियल प्लानर के बीच अंतर बता पाना मुश्किल होता है. इस कारण निवेश को लेकर चर्चाएं सीमित रह जाती हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग में सबसे पहली चर्चा आय, खर्च, जिम्मेदारियों और लक्ष्यों को लेकर होनी चाहिए. इकोसिस्टम की मदद से इनकम डेटा इकट्ठा करना आसान हो जाएगा.’
उन्होंने बताया, ‘फाइनेंशियल प्लानर होने के नाते हमें बैंक स्टेटमेंट्स की पूरी तरह जांच करनी पड़ती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके खर्च इस स्टेटमेंट से मेल खा रहे हैं या नहीं. कई बार हम यह पाते हैं कि उपभोक्ताओं को कर्ज की अवधि और ब्याज दर की जानकारी ही नहीं होती है. इकोसिस्टम की मदद से इन विषयों पर बातचीत बढ़ सकेगी.’
रूंगटा ने सक्सेशन को लेकर चर्चा की. उन्होंने बताया कि लोग अक्सर इसे महत्व नहीं देते हैं. इसे लेकर कानून बदलने की भी जरूरत है. रूंगटा ने कहा, ‘ग्राहक कई बार इसलिए असहज महसूस करते हैं क्योंकि हरेक संपत्ति की सभी जानकारियां जुटाना काफी थकाऊ काम हो जाता है.’
उन्होंने यह भी बताया कि इस वक्त पांच लाख करोड़ रुपये के एसेट ऐसे हैं, जो क्लेम नहीं हो पाए हैं.
कार्यक्रम के आखिरी सत्र में पैनल में एडलवाइस AMC की MD और CEO राधिका गुप्ता, मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के CEO स्वरूप मोहंती और PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के अजीत मेनन शामिल थे. इस सत्र को खास तरीके कंडक्ट किया गया था, जिसमें गायक अर्नब चक्रवर्ती ने मशहूर बॉलिवुड गाने गुनगुनाए. पैनेलिस्ट्स को वित्तीय शब्दों में लिरिक्स को इंटरप्रेट करना था, जिनसे फाइनेंशियल गोल समझाए जा सकें.