Loan: एक ऐसा ऐप लॉन्च हुआ है, जिसके जरिए आप अपनी किसी भी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए पैसे उधार (Loan) ले सकते हैं. न सिर्फ ख्वाहिशें बल्कि ये ऐप आपकी किसी भी आपात परिस्थिति में मदद करने में सक्षम है. SaveIN नामक ऐप पीयर टू पीयर (P2P) लोन या कर्ज देने का एक प्लेटफॉर्म है.
SaveIN एक गुरुग्राम में मौजूद स्टार्टअप है, जो पीयर टू पीयर (P2P) लोन या कर्ज देने का एक प्लेटफॉर्म है. इसने एक अजनबी से कर्ज लेने की प्रक्रिया को आपके सामाजिक दायरे में बदल दिया है.
कर्ज देने वाला आपके दोस्तों, परिवार से आपकी कॉन्टेक्ट लिस्ट में मौजूद कोई भी व्यक्ति हो सकता है. इसने ऐसा मौका दिया है कि कर्ज लेने और देने वाले अपने सोशल नेटवर्क के जरिए एक दूसरे से संपर्क साध सकते हैं.
सोशल लोन अनौपचारिक होते हैं, जो आमतौर पर कैश के जरिए दिए जाते हैं. ज्यादातर में किसी तरह का डिजिटल ट्रांजेक्शन शामिल नहीं होता है.
लेकिन डिजिटलाइजेशन पर जोर देने के साथ ही स्टार्टअप्स ने इस ऑफलाइन बाजार में अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी है.
SaveIN के सीईओ और फाउंडर जतिन भसीन ने कहा है कि “सोशल और गैर-आधिकारिक कर्ज भारतीयों के लिए काफी सामान्य बात है.
काफी भारतीय अपनी आजीविका चलाने के लिए ऐसा करते हैं, जबकि बैंक से अकाउंट और फिक्स्ड डिपोजिट से मिलने वाली ब्याज काफी कम और महंगाई काफी बढ़ गई है. हमने इस प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटलाइज कर दिया है.”
कोरोना के दौर में नौकरियों के जाने और लॉकडाउन के चलते रिश्तों के आधार पर मिलने वाले कर्ज और P2P कर्ज में इजाफा देखने को मिला है.
होम क्रेडिट इंडिया फाइनेंस सर्वे के मुताबिक हर चार में से एक व्यक्ति ने अपने घर को चलाने के लिए अपने दोस्तों और परिवार वालों से कर्ज लिया है.
बाजार में पहले से ही लेंडेनक्लब और फेयरसेंट नाम के P2P आधारित कर्ज देने वाले प्लेटफॉर्म मौजूद हैं. पीयर-टू-पीयर दरअसल उन लोगों के लिए है, जो अनजान लोगों को कर्ज देने में सक्षम हैं.
आप किसी अनजाम व्यक्ति को ऐसे प्लेटफॉर्म के जरिए अपना पैसा उधार देते हैं जहां उस व्यक्ति को प्लेटफॉर्म अंडरराइट किया जाता है, इसलिए आप इसको चुन सकते हैं या अस्वीकार कर सकते हैं.
लेंडेनक्लब के सह-संस्थापक और सीईओ भाविन पटेल ने मनी9 को बताया “पिछले वित्तीय वर्ष में निवेशकों का औसत पोर्टफोलियो 13% XIRR की पेशकश करते हुए, P2P कर्ज आज सबसे संभावित वैकल्पिक निवेश एसेट क्लास में से एक के रूप में उभर रहा है.
यह दूसरे फिक्स्ड-इनकम इनवेस्टमेंट की जगह जैसे – सेविंग अकाउंट, म्यूचुअल फंड आदि की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.
“हम P2P प्लेटफॉर्म से इसलिए अलग हैं क्योंकि हम फाइनेंशियल अंडरराइटिंग नहीं कर रहे हैं. हम हर भारतीयों का लेजर या पर्सनल अकाउंटेंट की भूमिका में हैं. हम पर्सनल अकाउंटेंट की हैसियत से सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
हम वो सेवाएं दे रहे हैं, जिसमें डिजिटल चैनल के जरिए ट्रांसफर होगा, साथ ही बिना दखल दिए ऑटोमेटिक पेमेंट का विकल्प मिलेगा.”
उन्होंने बताया कि “इसके साथ ही हमने कर्ज की राशि पर ब्याज की दरों को बेहद सीमित कर दिया है. 20 हजार रुपए तक के कर्ज पर अधिकतम 36% ब्याज सालाना ब्याज ही ली जा सकती है.
व्यक्ति चैनल के जरिए नेटवर्क में मौजूद अन्य लोगों से भी प्रतिस्पर्धा कर सकता है. उधार लेने वाला अपनी पसंद के आधार पर लोन दाता को चुन सकता है. ब्याज दरों पर बातचीत करने के लिए इन-बिल्ट मैसेजिंग भी है.”
भसीन ने बताया कि “अगर आप 3 लोन लेकर समय पर चुका देते हैं तो आपका स्कोर अच्छा होगा. हम इस डेटा को बैंकों को देंगे, जो आपको स्कोर के आधार पर ऑफर देगा.
लेकिन आप एक लोन नहीं चुका पाएंगे तो आपको दूसरा लोन नहीं मिलेगा. साथ ही आपकी अनौपचारिक क्रेडिट रेटिंग भी प्रभावित होंगी.”
भारत में 80% लोग ऐसे होते हैं जिनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती है. कई कंपनियां इसे जानने के लिए अनौपचारिक क्रेडिट स्कोर मार्केट से पहचान करती हैं.
अगर आपने कभी भी किसी वित्तीय संस्थान से लोन नहीं लिया है तो आपको क्रेडिट स्कोर नहीं होगा. वित्तीय संस्थान उन लोगों को लोन देते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है. ये पहले कौन आया अंडा या मुर्गी वाली स्थिति है.
हम इस समस्या की ओर भी काम कर रहे हैं. हम सभी कर्ज को रिकॉर्ड करना चाहते हैं और वैकल्पिक क्रेडिट इतिहास प्रदान करना चाहते हैं.
इसके जैसे, फिनबॉक्स बेंगलुरु स्थित एक फिनटेक कंपनी है, जो अपने ग्राहकों और पार्टनर्स को कस्टमाइज्ड क्रेडिट प्रोडक्ट देती है.
यह लोन लेने वाले की साख का आंकलन करने के लिए व्यवहार संबंधी डेटा और नॉन पर्सनल एसएमएस डेटा का विश्लेषण कर गोपनीयता बनाए हुए क्रेडिट हिस्ट्री का अंदाजा लगाती है.
फिनबॉक्स के को-फाउंडर अनंत देशपांडे ने बताया कि “इस डेटा का इस्तेमाल ‘फीचर्स’ या इंडिपेंडेंट वेरिएबल्स के निर्माण के लिए किया जाता है, जिसे बाद में मशीन लर्निंग मॉडल के जरिए ज्यादा और कम जोखिम वाले ग्राहकों के बीच अंतर करने वाले पैटर्न को पहचानने के लिए रखा जाता है.
इस पूरी प्रक्रिया को इसलिए किया जाता है ताकि व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर का अंदाजा लगाया जा सके ताकि लोन देने वाले को हैसियत का अंदाजा लग सके.
ये पूरी प्रक्रिया यूजर्स की सहमति पर आधारित होती है, और डेटा का इस्तेमाल कुछ विशेष स्थिति और समय के लिए ही किया जाता है. इस डेटा का इस्तेमाल अलग अलग उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है.”
अगले चरण में, SaveIN ने रेग्युलेटेड बैंकिंग संस्थाओं के साथ साझेदारी में डिजिटल बैंक खातों और डिजिटल डेबिट कार्ड की पेशकश करने और गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक नियो बैंकिंग प्लेटफॉर्म बनाने की योजना बनाई है.