मैटरनिटी इंश्योरेंस से कैसे बढ़ाएं खुशियां?

आमतौर पर मैटरनिटी कवर मुख्य हेल्थ इंश्योरेंस में राइडर के रूप में मिलता है.

मैटरनिटी इंश्योरेंस से कैसे बढ़ाएं खुशियां?

देश में की 30 फीसद आबादी के पास स्वास्थ्य बीमा का कवर नहीं है. (Photo Credit: Freepik)

देश में की 30 फीसद आबादी के पास स्वास्थ्य बीमा का कवर नहीं है. (Photo Credit: Freepik)

सीमा अगले महीने मां बनने वाली हैं. पति के साथ हास्पिटल में डिलीवरी के खर्च के बारे में बात करने गईं तो 60 हजार रुपए का एस्टीमेट थमा दिया. अगर डिलीवरी सर्जरी से हुई तो एक लाख से अधिक का खर्च आएगा. गरिमा के पति के पास तो कोई सेविंग है ही नहीं. घर लौटने पर मां बनने की खुशियां चिंता में बदल गईं. अगर इन्होंने पहले से मैटरनिटी बीमा कवर ले रखा होता तो आज उन्हें हास्पिटल के खर्च की चिंता नहीं सताती. इस स्थिति से बचने के लिए शादी के बाद अपने हेल्थ इंश्योरेंस में मैटरनिटी कवर शामिल कराना अच्छा विकल्प है. इसके जरिए माता-पिता बनने के खुशियों में इजाफा कर सकते हैं.

नीति आयोग की एक रिपोर्ट बताती है कि देश में की 30 फीसद आबादी के पास स्वास्थ्य बीमा का कवर नहीं है. 42 करोड़ आबादी इस सुविधा से वंचित है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार गंभीर बीमारी का उपचार कराने से भारत में पांच करोड़ परिवार गरीबी के दलदल में फंस जाते हैं. बजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस के हेड, रिटेल अंडरराइटिंग गुरदीप सिंह बत्रा कहते हैं कि महंगाई के दौर में माता-पिता बनने से पहले अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग होना बहुत जरूरी है. यह इसलिए ताकि आप माता-पिता बनने की खुशी का आनंद उठा सकें. इसके लिए एक अच्छा मैटरनिटी इंश्योरेंस कवर होना चाहिए. यह कवर आपको बच्चे के जन्म के समय खर्च के बोझ को कम करने में मदद करेगा.

क्या है मैटरनिटी कवर

आमतौर पर मैटरनिटी कवर मुख्य हेल्थ इंश्योरेंस में राइडर के रूप में मिलता है. अब कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अलग से भी मैटरनिटी पॉलिसी मुहैया करा रही हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी हेल्थ प्लान मैटरनिटी बेनिफिट्स प्रदान नहीं करते. इसलिए आपको अपने नियमों और शर्तों पर ध्यान देना चाहिए कि आपके प्लान में मैटरनिटी कवर उपलब्ध है या नहीं. मैटरनिटी कवर में बच्चे के जन्म से संबंधित सभी खर्चों को कवर किया जाता है. इसमें हास्पिटल में भर्ती, चिकित्सा उपचार, डिलीवरी से पहले और बाद में बीमित महिला के लिए किए गए खर्चों को शामिल किया जाता है. इस कवर में रूम रेंट चार्जेज, एम्बुलेंस चार्ज और सर्जन फीस जैसी लागतें भी कवर की जाती हैं.

वेटिंग पीरियड

गुरदीप सिंह बत्रा बताते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस के तहत मैटरनिटी कवर में वेटिंग पीरियड की शर्त जुड़ी होती है. यह तीन से सात साल तक की हो सकती है. इसका मतलब यह है कि आप इस अवधि के बाद ही मैटरनिटी से संबंधित खर्चों के लिए क्लेम कर सकते हैं. ग्रुप मेडिकल पॉलिसी पहले दिन से ही मैटरनिटी को भी कवर कर सकती है. आमतौर पर इसमें कोई वेटिंग पीरियड नहीं होता है. मैटरनिटी इंश्योंरेंस में प्रसव के बाद 90 दिनों के भीतर उत्पन्न होने वाली किसी भी बीमारी या जटिलता को भी शामिल किया जा सकता है. यह कवर सामान्य और सिजेरियन डिलीवरी दोनों के लिए मान्य है. कुछ प्लान में 90 दिनों तक के बच्चे के अनिवार्य टीकाकरण को भी कवर किया जाता है. यह खर्च मैटरनिटी एक्सपेंस की श्रेणी में आता है. हालांकि यह कवर कवर कुछ लिमिट के साथ मिलता है.

शादी के बाद परिवार बढ़ाने की प्लानिंग से पहले अपने हेल्थ इंश्योरेंस में मैटरनिटी कवर शामिल करना चाहिए. इसमें क्या-क्या शामिल है, इस बात पर विशेष गौर करना चाहिए.

Published - May 15, 2023, 01:57 IST