Infant Mortality Rate: भारत के इन्फेंट मोर्टेलिटी रेट (शिशु मृत्यु दर) में सुधार आया है. न्यू सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (SRS) डेटा से पता चलता है कि 2019 में शिशु मृत्यु दर – देश में 1,000 शिशुओं में से एक साल के होने से पहले ही मरने वाले शिशुओं की संख्या (Infant Mortality Rate) घटकर 30 हो गई है. 2011 में यह संख्या 44 थी.
हालांकि, आंकड़ों के और विश्लेषण से पता चलता है कि भारत के 30 IMR की तुलना में सात राज्यों मध्य प्रदेश (46), उत्तर प्रदेश (41), असम (40), छत्तीसगढ़ (40), ओडिशा (38), राजस्थान (35) और मेघालय (33) में अभी भी देश के बाकी हिस्सों की तुलना में सबसे ज्यादा है.
भारत ने IMR के टारगेट को 25 रखा है, जबकि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान और मेघालय के अलावा अरुणाचल प्रदेश (29), बिहार (29), झारखंड (27), उत्तराखंड (27), और हरियाणा (27) में IMR 25 से ज्यादा है.
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में IMR की गिरावट की गति भी धीमी हो रही है. 2015 और 2019 के बीच पांच वर्षों में देश के IMR में 18.9% की कमी आई है; 2011-15 के बीच गिरावट की दर 15.9% थी.
वहीं मध्य प्रदेश में 2015 और 2019 के बीच IMR में 8% की कमी आई है. 2011-15 के बीच गिरावट की दर 15.3% थी. वहीं उत्तर प्रदेश में 2015 और 2019 के बीच IMR में 10.9% की कमी आई है. 2011-15 के बीच गिरावट की दर 19.3% थी.
छत्तीसगढ़ की बात करें तो 2015 और 2019 के बीच IMR में 2.4% की कमी आई है. 2011-15 के बीच गिरावट की दर 14.6% थी.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच अंतर और भी अधिक है. शिशु मृत्यु दर में शहरी गिरावट की गति ग्रामीण गिरावट की गति से तेज थी. इसके अलावा, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई, 2019 में स्थिति उलट गई.
2011 और 2015 के बीच, शहरी क्षेत्रों में शिशु मृत्यु दर में 13.8% की गिरावट आई थी, और ग्रामीण भारत में 14.6% की गिरावट देखी गई थी
लेकिन 2019 तक के पांच सालों में शहरी इलाकों में शिशु मृत्यु दर में 20% की गिरावट देखी गई, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह कमी महज 17.1% रही.