image: Pixabay, जुलाई-सितंबर तिमाही में दिल्ली में खुदरा स्थलों का किराया 11-17 प्रतिशत बढ़ा.
2021 में भारत की GDP Growth 12 फीसदी रह सकती है. पिछले साल देश की आर्थिक ग्रोथ 7.1 फीसदी घट गई थी. मूडीज एनालिटिक्स ने भारत की ग्रोथ को लेकर यह अनुमान जताया है. मूडीज ने कहा है कि दिसंबर तिमाही में GDP Growth 0.4 फीसदी रही. जबकि इससे पिछले तीन महीनों में देश की GDP Growth में 7.5 फीसदी का संकुचन देखा गया था. मूडीज ने कहा है कि इसके चलते नियर टर्म में भारत के लिए ग्रोथ की संभावनाएं ज्यादा बढ़िया हो गई हैं.
गुजरे कुछ महीनों में घरेलू और बाहरी डिमांड में इजाफा हुआ है. इसकी वजह यह है कि कोविड-19 की पाबंदियां हटाई गई हैं और मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन में भी सुधार हुआ है. मूडीज ने कहा है, “हमें लगता है कि अगली कुछ तिमाहियों में खपत में इजाफा होगा और इससे 2021 में घरेलू मांग मजबूत होगी.”
मूडीज को लगता है कि लो-बेस की वजह से कैलेंडर ईयर 2021 में भारत की वास्तविक GDP Growth 21 फीसदी रहेगी.
मूडीज ने कहा है, “हमें इस साल ब्याज दरों में और कटोती की उम्मीद नहीं दिखाई देती है.” फिलहाल दरें 4 फीसदी पर हैं.
मूडीज ने कहा है कि मौद्रिक और फिस्कल नीतियां ग्रोथ को बढ़ाने के लिए अहम होंगी. मूडीज ने कहा है कि उसे इस साल दूसरी छमाही के दौरान अतिरिक्त फिस्कल सपोर्ट की उम्मीद है.
हालांकि, इस बात की उम्मीद कम ही है कि ये वित्तीय सपोर्ट इनकम टैक्स कटौती के रूप में दिखाई देंगे.
मूडीज ने कहा है, “2021-22 के लिए पेश किए गए बजट से देश का सालाना फिस्कल डेफिसिट GDP के करीब 7 फीसदी तक पहुंच सकता है.”
“बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अतिरिक्त खर्च की बात की गई है और इससे आने वाली तिमाहियों में नए रोजगार दिखाई दे सकते हैं.” कोर इनफ्लेशन के 2021 में एक नियंत्रित तरीके से बढ़ने के आसार हैं. हालांकि, खाने-पीने की कीमतें और ईंधन के चलते महंगाई एक फैक्टर साबित हो सकता है और यह लोगों की खर्च लायक बचने वाली आमदनी पर असर डाल सकती है.