वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर संबंधित पक्षों के साथ परामर्श न करने का पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आसियान देशों के साथ हुआ समझौता घरेलू उद्योगों के साथ पक्षपात करता है। इसके साथ ही गोयल ने कहा कि जापान और कोरिया के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों में भारत ने अपना बाजार इन देशों के लिए खोल दिया है लेकिन उन देशों में भारतीय उत्पादों को मंजूरी नहीं दी गई है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के साथ भारत का व्यापार समझौता एक जनवरी, 2010 को लागू हुआ था। इसी तरह जापान के साथ भारत का व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता अगस्त, 2011 और दक्षिण कोरिया के साथ समझौता जनवरी, 2010 में लागू हुआ था। बदले हुए हालात में भारत इन तीनों व्यापार समझौतों की समीक्षा की मांग कर रहा है। भारत का कहना है कि इन समझौतों में भारत के साथ समान बर्ताव नहीं किया गया है।
गोयल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘आसियान-भारत समझौता सबसे खराब समझौता है। अगर इसे किसी ने पढ़ा होता तो पता होता कि यह भारतीय उद्योग के प्रति पक्षपाती है।’ उन्होंने कहा कि जापान के साथ समझौता होने के बाद से भारत का वहां से आयात 200 प्रतिशत बढ़ चुका है जबकि भारतीय निर्यात में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
गोयल ने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर उन्होंने संबंधित पक्षों के साथ बातचीत की होती और उद्योग जगत से राय-मशविरा किया होता तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता। आज हमें इसे अधिक संतुलित, निष्पक्ष और समान बनाने के लिए उनसे एफटीए की समीक्षा का अनुरोध करना पड़ रहा है।’