इंटरनेशनल मॉनिटेरी फंड (International Monetary Fund) ने विश्व बैंक (World Bank) के साथ अगले महीने होने वाली बैठक से पहले कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) क्रमिक सुधार के रास्ते पर है. IMF के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था क्रमिक सुधार की राह पर है और 2020 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी (GDP) ग्रोथ फिर से सकारात्मक हो सकती है. ऐसा महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार होगा, और यह सकल, स्थिर पूंजी निर्माण में बढ़ोतरी द्वारा समर्थित है.
कोरोना के नए वेरिएंट से जोखिम
राइस ने कहा, इस साल की पहली तिमाही में PMI व्यापार और गतिशीलता सहित हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स लगातार सुधार के संकेत दे रहे हैं. हालांकि, हाल में आए वेरिएंट और स्थानीय स्तर पर लागू होने वाले लॉकडाउन के चलते जोखिम भी पैदा हुए हैं. IMF 6 अप्रैल को अपना वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) जारी करने वाला है. बता दें कि पिछली दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ के बाद पहली बार तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी पॉजिटिव में आई है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी दिसंबर तिमाही में GDP ग्रोथ 0.4 फीसदी रही थी.
अनुमान से ज्यादा तेजी से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था
Fitch ने हाल ही में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (GEO) में कहा है कि भारत लॉकडाउन की वजह से आई मंदी की स्थिति से उम्मीद से ज्यादा तेजी से उबरा है. फिट रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान बढ़ाकर 12.8 फीसदी कर दिया है. पहले रेटिंग एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 11 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.
रेटिंग एजेंसी Moody’s ने भी जताया भरोसा
मूडीज ने कहा कि अंकुशों में ढील के बाद देश और विदेश की मांग सुधरी है. इससे हालिया महीनों में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है. मूडीज ने कहा, हमारा अनुमान है कि निजी खपत और गैर निवासी निवेश में अगले कुछ तिमाहियों में बढ़ोतरी होगी, जिससे 2021 में घरेलू मांग में सुधार होगा. मूडीज का अनुमान है कि 2021 के कैलेंडर साल में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 12 प्रतिशत रहेगी.