ई-टिकटिंग में होने वाली धांधली को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने कई बड़े कदम उठाए हैं. इन उपायों के तहत IRCTC की वेबसाइट पर टिकटों की बुकिंग को ज्यादा पुख्ता बनाने की कोशिश की गई है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में इन कदमों की जानकारी दी है.
रेलवे के उपायों में कहा गया है कि अब कोई भी टिकट संक्षेप नामों के आधार पर नहीं बुक किया जा सकेगा. अब टिकट बुक करने के लिए लोगों को अपने पूरे नाम और उपनाम को भरना पड़ेगा.
गोयल ने कहा है कि इसके अलावा, रेलवे ने रिजर्व्ड क्लास के टिकट पर यात्रा करने के लिए पहचान पत्र को साथ रखना अनिवार्य बना दिया है.
उन्होंने कहा है कि IRCTC पोर्टल के जरिए हर महीने अब कोई भी शख्स 6 से ज्यादा रेलवे टिकट बुक नहीं कर सकता है. जिन लोगों ने अपनी IRCTC यूजर आईडी को अपने आधार नंबर के साथ लिंक कर लिया है उनके लिए यह संख्या 12 टिकट हर महीने तय की गई है. साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि पैसेंजर लिस्ट में से कम से एक एक पैसेंजर को आधार के जरिए वेरिफाई किया जा सके.
उन्होंने बताया कि पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) केंद्रों, बुकिंग दफ्तरों, प्लेटफॉर्म्स, ट्रेनों आदि में नियमित चेकिंग की जा रही है ताकि स्क्रिप्टिंग सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल जैसी गलत तरीके से टिकटिंग गतिविधियां न चलाई जा सकें. इस तरह की चेकिंग त्योहारों, छुट्टियों के दौरान बढ़ा दी जाती हैं.
टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के मामले में पैसेंजर्स के ब्योरे और कैप्चा को दाखिल करने में लगने वाले वक्त पर पाबंदियां लगाई गई हैं और कोई भी टिकट अब 35 सेकेंड्स से पहले बुक नहीं किया जा सकेगा.
यूजर आईडी को दैनिक आधार पर चेक किया जा रहा है और गलत गतिविधियों के जरिए टिकट बुक करने में इस्तेमाल होने वाली आईडी को निष्क्रिय किया जा रहा है.
IRCTC के अधिकृत एजेंट्स को एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) बुकिंग और तत्काल बुकिंग के ओपन होने के बाद पहले 15 मिनट तक टिकट बुक करने से रोक दिया गया है.
इसके अलावा, प्रति यूजर IRCTC यूजर आईडी और टिकट्स की बुकिंग पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं.
रेलवे ने टिकट बुकिंग के लिए रजिस्ट्रेशन, लॉगइन और बुकिंग पेज के लिए डायनेमिक कैप्चा को भी लागू किया है.
गोयल ने कहा कि पब्लिक एड्रेस सिस्टम और मीडिया की वजह से आम लोग अब काफी शिक्षित हो गए हैं और वे अब गलत तत्वों के जरिए टिकट बुक कराने से बचते हैं.