आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते GST कलेक्शन बढ़ा है और यह अक्टूबर 2020 से पांच महीने तक लगातार 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है. वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है.
प्रश्नकाल के दौरान ठाकुर ने कहा कि यह सरकार के पिछले एक साल में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों के चलते ही मुमकिन हो पाया है.
उन्होंने कहा, “GST कलेक्शन बढ़ा है. अगर आप ई-वे बिल डेटा, आंकड़े देखें तो गतिविधियां बढ़ी हैं. अक्टूबर 2020 से ही GST कलेक्शन लगातार 1 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है. पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले GST कलेक्शन ज्यादा रहा है.” ठाकुर ने कहा कि तीसरी तिमाही के आंकड़ों के सकारात्मक होने और कारोबार सुधरने से वी-शेप वाली रिकवरी दिखाई दे रही है.
भारतीय अर्थव्यवस्था 2020-21 के जून क्वॉर्टर में 24.4 फीसदी संकुचित हुई है. कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में यह गिरावट नजर आई है.
लगातार दो तिमाहियों तक सिकुड़ने के बाद अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी पॉजिटिव जोन में आ गई और इस दौरान ग्रोथ 0.4 फीसदी रही.
ठाकुर ने कहा, “जब कोविड-19 महामारी आई तो अप्रैल से जून के दौरान ग्रोथ रेट -24.4 फीसदी थी. मोदी सरकार ने कई अच्छे कदम उठाए और तीसरी तिमाही में ग्रोथ 0.4 फीसदी पर पहुंच गई.”
उन्होंने महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में बताया. इनमें आत्मनिर्भर भारत प्रोग्राम, इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन और लोन मोरेटोरियम जैसे उपाय शामिल थे.
वित्त मंत्रालय के एक लिखित बयान में कहा गया है कि किसी एक महीने में जीएसटी कलेक्शन उस महीने में सप्लाई की गई गुड्स और सर्विसेज की वैल्यू पर निर्भर करती हैं.
इसके अलावा, मौजूदा फिस्कल में जनरेट हुए ई-वे बिलों की संखया भी पिछले साल के तकरीबन बराबर ही है, जबकि अप्रैल और मई 2020 में जनरेट किए गए ईवे बिलों की संख्या में गिरावट आई थी.