पुरानी कारों में फ्रंट सीट पैसेंजर के लिए डुअल एयरबैग (Airbag) लगवाने की डेडलाइन सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. कार निर्माताओं को अब 31 दिसंबर से मानदंडों का पालन करना होगा. कारों में फ्रंट सीटों के लिए एयरबैग 1 अप्रैल से जरूरी हो गया है. अब ज्यादातर कार निर्माता कंपनी टॉप मॉडल में एयरबैग लगाकर देती हैं. हालांकि, ज्यादातर कारों में केवल ड्राइवर सीट पर ही एयरबैग लगा होता है. अब फ्रंट पर बैठने वाली ड्राइवर के साथ वाली सवारी के लिए भी एयरबैग अनिवार्य हो गया है. सड़क पर दौड़ रही कारों में इस साल 31 अगस्त तक एयरबैग अनिवार्य होने थे. इसी समय सीमा को अब सरकार ने बढ़ाया है.
कारों में दिया जाने वाला एयरबैग नायलॉन के कपड़े का बना होता है. जो कारों में अलग-अलग जगह पर जरूरत के हिसाब से फिट किया जाता है और दुर्घटना की स्थिति में आपको सेफ करता है. कारों में एयरबैग को सेंसर के साथ जुड़ा होता है. टक्कर होने पर एयरबैग में एयर भरकर वह ड्राइवर, पैसेंजर और कार के बीच में कुशन की तरह आ जाता है. जिससे ड्राइवर और पैसेंजर का शरीर कार की बॉडी से नहीं टकराता और उन्हें गंभीर चोट नहीं लगती.
इस समय कई मैनुफैक्चरर्स विकल्प के तौर पर कुछ चार्ज लेकर पैसेंजर एयरबैग की सुविधा दे रहे हैं. अधिकर मैनुफैक्चरर्स पैसेंजर एयरबैग के लिए करीब 5,000 रुपए का अतिरिक्त चार्ज लेते हैं.