कर्ज के संकट में फंसी निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी की उड़ानें 24 मई से दोबारा शुरू होंगी. हालांकि यह परिचालन सीमित विमानों के जरिए शुरू किया जाएगा. साथ ही यह परिचालन बहुत ही कम उड़ानों के साथ किया जाएगा. एयरलाइन के बेड़े में अभी 57 विमान हैं. कंपनी कितने विमानों के साथ परिचलान शुरू करेगी, इस बारे में अभी कोई ब्योरा जारी नहीं किया गया है.
इससे पहले कंपनी ने 19 मई तक सभी उड़ानें निरस्त करने की जानकारी दी थी. कंपनी ने ट्वीट करके कहा था कि फ्लाइटें कैंसिल होने के कारण यात्रियों को हुई असुविधाओं के लिए हम माफी मांगते हैं. सभी यात्रियों को उनके पूरे पैसे वापस होंगे. हम ये बात जानते हैं कि फ्लाइट्स कैंसिल होने के कारण आपके ट्रैवल प्लान प्रभावित होंगे. हम आपकी सारी साहयता करेंगे. इसके बाद एयरलाइन ने 24 मई से उड़ानें शुरू करने का ऐलान किया है.
बता दें कि NCLT ने दिवालिया होने के लिए गो फर्स्ट की याचिका को मंजूर कर लिया है. साथ में NCLT ने एयरलाइन के बोर्ड को भंग कर दिया है. और दिवालिया प्रक्रिया के लिए अभिलाष लाल को नियुक्त किया है. दिवालिया प्रक्रिया के लिए. गो फर्स्ट को 5 करोड़ रुपए जमा करने के लिए बोला गया है और साथ में यह भी कहा गया है कंपनी के किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गो फर्स्ट को कर्ज देने वाले बैंक भी कंपनी की इनसॉलवेंसी का समर्थन कर रहे हैं. बैंकों को खतरा है कि गो एयर का हाल भी जेट एयरवेज की तरह न हो जाए और उनका सारा पैसा फंस जाए. इसी वजह से संकटग्रस्त एयरलाइन को कर्ज देने वाले बैंक भी कंपनी की इनसॉलवेंसी यानी दिवालिया होने की अर्जी का समर्थन कर रहे हैं.
गो फर्स्ट के बेड़े में कुल 57 Airbus A320 विमान हैं. इनमें से करीब 90% विमानों में Pratt & Whitney के ही इंजन लगे हैं. इंजन में समस्या की वजह से इनमें से करीब 50 फीसद विमान ग्राउंडेड हो चुके थे. इंजन कंपनी, लीज पर विमान देने वाली कंपनियों और बैंकों सहित गो फर्स्ट की कुल 11463 करोड़ रुपए की देनदारी है.