फ्लैक्सिबल वर्कस्पेस (flexible workspace) मुहैया कराने वाले ऑपरेटर्स 2021 में दश के छह शहरों में करीब 30 लाख वर्गफुट स्पेस किराये पर दे सकते हैं. इसकी वजह यह है कि ऑपरेटर्स अब बड़ी कंपनियों के साथ डील को तवज्जो दे सकते हैं. 2020 के दौरान फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस (flexible workspace) ऑपरेटरों ने करीब 29 लाख वर्गफुट स्पेस किराये पर दिया था. इसमें सबसे ज्यादा स्पेस लेने वालों में टेक्नोलॉजी और बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज (BFSI) एंटरप्राइजेज शामिल रहे हैं.
कोलिअर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, ऑफिस सर्विसेज (दक्षिण भारत) अर्पित मेहरोत्रा कहते हैं, “flexible workspace का दौर जारी रहेगा. रियल एस्टेट में इनकी हिस्सेदारी बढ़ रही है. हालांकि, 2020 flexible workspace के लिहाज से सुस्त रहा है, लेकिन बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे मार्केट्स डिमांड को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे. इसके अलावा, कंपनियां लोकेशन फ्लेक्सिबिलिटी भी अपने कुछ एंप्लॉयीज और डिपार्टमेंट्स को देना चाहती हैं. ऐसे में वे एंप्लॉयीज के घर के पास उन्हें flexible workspace की सहूलियत दे रही हैं.”
बड़ी तादाद में लोगों के घर से काम करने के बावजूद मार्च 2021 तक इन छह शहरों में टॉप flexible workspace ऑपरेटर्स ने अपनी करीब 65 फीसदी सीटें किराये पर दे दी हैं. इससे मैनेज्ड वर्कप्लेसेज को लेकर बढ़ता भरोसा दिखाई दे रहा है.
चूंकि कंपनियां अभी भी लंबे वक्त के लिहाज से दफ्तर किराये पर लेने को लेकर अनिश्चित हैं, ऐसे में वे flexible workspace पर ज्यादा जोर दे रहे हैं ताकि लंबे वक्त के पूंजी खर्च से बच सकें और लीज की शर्तों में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी हासिल कर पाएं.
कोलिअर्स के रीजनल टेनेंट रेप्रेजेंटेशन (इंडिया) के मैनेजिंग डायरेक्टर भूपिंद्र सिंह कहते हैं, “मीडियम टर्म के लिहाज से कंपनियां वैक्सीन के असर पर गहराई से नजर बनाए हुए हैं. कई संस्थानों ने अपने दफ्तर खोल दिए हैं और कर्मचारी अपनी सहूलियत के हिसाब से दफ्तर आकर काम कर सकते हैं. बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्सेज में F&B एरियाज में गतिविधियों में तेजी आई है. दूसरी छमाही आने तक लीजिंग में तेजी आएगी.”
देश के टॉप छह शहरों में कुल flexible workspace स्टॉक करीब 3 करोड़ वर्गफुट है. बेंगलुरु इस कतार में सबसे आगे है और कुल flexible workspace में इसकी हिस्सेदारी 37 फीसदी है. इसके बाद दिल्ली-एनसीआर का नंबर आता है और इसकी हिस्सेदारी 18 फीसदी है. इसके बाद 14 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मुंबई आता है.