Money9 का फाइनेंशियल फ्रीडम समिट अपने दूसरे संस्करण के साथ बार फिर से आ गया है. मुंबई में फाइनेंशियल फ्रीडम समिट की दूसरी कड़ी की शुरूआत हो गई है. इस समिट में भारतीयों के बीमा, बैंकिंग, निवेश, कमाई, खर्च और बचत से जुड़े हर सवाल का जवाब एक मंच पर मिलेगा. देश के दिग्गज निवेशक और सीएफपी इस मंच पर दे रहे हैं निवेश और कमाई से जुड़े हर सवाल के जवाब. तो अगर आपके पास भी कोई सवाल है तो जुड़ जाइये हमारे साथ.
क्रेडिट ग्रोथ की जरूरत: अनुज पांडे
कार्यक्रम के दौरान U GRO Capital के Chief Risk Officer अनुज पांडे ने कहा कि आप पुराने आंकड़े देखें तो पाएंगे कि भारत की ग्रोथ रेट को बढ़ाने के लिए एक क्रेडिट ग्रोथ की जरूरत होती है. भारत 7-8 परसेंट की जीडीपी रेट चाहता है तो कम से कम 15-16 परसेंट की क्रेडिट ग्रोथ होनी चाहिए. जब तक वर्किंग कैपिटल नहीं मिलेगा, MSME की ग्रोथ नहीं होगी. बिना कर्ज के आगे बढ़ना संभव नहीं. उन्होंने कहा कि कंजम्पशन कैपिटल पर ध्यान देने की जरूरत है. सरकार ने बोला है कि अगले साल वो कर्ज थोड़ा कम लेगी.
कर्ज सस्ता होने में अभी समय
सरकार सबसे ज्यादा फंड ले लेगी तो बाकी लोगों को कर्ज कम मिलता है. कर्ज महंगा नहीं होगा लेकिन सस्ता होने में अभी देर है. अनुज पांडे ने कहा कि टेक्नोलॉजी और डेटा को हम आपस में जोड़ते हैं, दोनों अलग हैं. टेक्नोलॉजी एक कमोडिटी है जो आपकी कस्टमर तक पहुंचने में मदद करती है. डेटा का लेना देना डेटा साइंस से है जिसके हिसाब से आप ये तय करते हैं कि किसे लोन देना चाहिए और किसे नहीं. टेक्नोलॉजी की मदद से आसान हो गया है लोन देना. भारत अभी पूरी तरह डिजिटल लोन के लिए तैयार नहीं है. मेट्रो शहरों में हो सकता है लेकिन छोटे शहरों के हिसाब से ऐसा नहीं है.