अब हाउसिंग हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में 5 साल से ज्यादा की FD नहीं खोली जा सकेगी. सोमवार को रिजर्व बैंक ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए नियमों को सख्त करने के लिए ऐसा किया है. RBI ने FD की समयसीमा को 5 साल तक घटाने के अलावा लायबिलिटी के खिलाफ लिक्विड एसेट्स की आवश्यकता को बढ़ाने का प्रस्ताव किया. वर्तमान में, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) को यह अनुमति है कि वे 12 महीने या इससे ज्यादा समय के बाद पब्लिक डिपॉजिट खोल सकती हैं या रिन्यू कर सकती हैं.
अधिकतम अवधि होगी 60 महीने
वर्तमान में, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) को 12 महीने या उससे ज्यादा समय के बाद भुगतान योग्य सार्वजनिक जमा स्वीकार करने या रिन्यू करने की अनुमति है. हालांकि यह अवधि 120 महीने से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. लेकिन रिज़र्व बैंक ने एक ड्राफ्ट सर्कुलर में अब इस नियम में बदलाव कर दिया है. RBI ने 120 महीनों को घटाकर 60 महीने कर दिया है. यानी अब हाउसिंग कंपनी में खोला गया पब्लिक डिपॉजिट या रिन्यू किए गए पब्लिक डिपॉजिट की राशि 12 महीने या उससे अधिक की अवधि के बाद चुकानी होगी. लेकिन यह अवधि 60 महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए. साठ महीने से ज्यादा की मैच्योरिटी वाले मौजूदा जमाओं का भुगतान उनकी मौजूदा पुनर्भुगतान प्रोफ़ाइल के आधार पर किया जाएगा
अगर उनकी क्रेडिट रेटिंग न्यूनतम निवेश ग्रेड से नीचे है, तो ऐसे HFC मौजूदा जमा को रिन्यू नहीं करेंगे या उसके बाद तब तक नई जमा स्वीकार नहीं करेंगे जब तक कि वे निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग हासिल नहीं कर लेते.
बनाई रखनी होगी तरलता
जमा लेने वाली HFC की सार्वजनिक जमा की मात्रा की सीमा अब शुद्ध स्वामित्व वाली निधि के 3 गुना से घटाकर 1.5 गुना कर दी गई है. इसमें कहा गया है कि अब यह निर्णय लिया गया है कि सभी जमा लेने वाली HFC जमा राशि के 15 फीसद के बराबर लिक्डिटी मेंटेन करेंगी. अगर वो इतनी तरलता मेंटेन नहीं कर पाती है तो संबंधित HFC को राष्ट्रीय आवास बैंक को सूचित करना अनिवार्य होगा.
जारी कर सकेंगे को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड
इसमें कहा गया है कि HFC को रिजर्व बैंक की मंजूरी के साथ, दो साल की शुरुआती अवधि के लिए और उसके बाद समीक्षा के साथ, जोखिम साझा किए बिना, कमर्शियल बैंक के साथ को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है.
समय से पहले कर सकते हैं भुगतान
आपातकालीन खर्चों को पूरा करने के लिए, संबंधित एनबीएफसी की संतुष्टि के बाद जमाकर्ता के अनुरोध पर व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को ‘छोटी जमा राशि’ का भुगतान समय से पहले किया जा सकता है. यह पेमेंट डिपॉजिट स्वीकारने की तारीख से तीन महीने के भीतर करना होगा. इसमें ब्याज शामिल नहीं है.
किन परिस्थितियों में निकासी की अनुमति
अन्य सार्वजनिक जमाओं के मामले में, जमाकर्ताओं के अनुरोध पर, जमा की मूल राशि का 50 फीसद से अधिक या 5 लाख रुपये, जो भी कम हो, का समय से पहले भुगतान किया जा सकता है. मेडिकल इमेरजेंसी या प्राकृतिक आपदाओं सहित आपातकालीन प्रकृति के खर्चों को पूरा करने के मामले में समय से पहले निकासी की अनुमति दी जाएगी.