प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने 538 करोड़ के बैंक फ्रॉड के आरोप में एयरलाइन जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है. नरेश गोयल पर केनरा बैंक के साथ धोखाधड़ी का आरोप है. शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने करीब 7 घंटे तक नरेश गोयल से पूछताछ की, उसके बाद गिरफ्तारी हुई है. शनिवार को नरेश गोयल को PMLA कोर्ट में पेश किया गया है.
सूत्रों के अनुसार एजेंसी ने गोयल को मामले में पूछताछ के लिए पहले दो बार बुलाया था, लेकिन कुछ आपात स्थितियों का हवाला देते हुए वह कथित तौर पर पेश नहीं हुए थे. शुक्रवार को वह एक अदालत की सुनवाई में भाग लेने के लिए दिल्ली में थे, इसी दौरान ईडी की एक टीम ने उन्हें पूछताछ के लिए मुंबई चलने के लिए कहा. वर्ली स्थित एजेंसी के कार्यालय में छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद उन्हें रात करीब 11 बजे गिरफ्तार कर लिया गया.
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला 3 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से जेट एयरवेज लिमिटेड (JIL) के संस्थापक नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के पूर्व कार्यकारी गौरांग आनंद शेट्टी के खिलाफ दर्ज की गई FIRपर आधारित है. इस दौरान अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई थी. इन पर केनरा बैंक में कथित धोखाधड़ी का आरोप है. इसी सिलसिले में एजेंसी ने 19 जुलाई को मुंबई में सात जगहों और दिल्ली में एक जगह पर तलाशी ली थी.
सीबीआई ने नवंबर 2022 में केनरा बैंक, मुंबई की एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था. बैंक ने 538.62 करोड़ के नुकसान पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात से संबंधित भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है. बैंक ने आरोप लगाया कि उसने JIL को 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट सीमा और ऋण स्वीकृत किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपए आरोपियों ने चुकाए नहीं थे. जुलाई 2021 में इसे कथित धोखाधड़ी घोषित किया गया था. बैंक ने यह भी आरोप लगाया कि बैंक से उधार ली गई धनराशि का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही धन की हेराफेरी की जा रही है.