e-SHRAM: पंचायतों की मदद से मिलेगी सफलता

पोर्टल पर पंजीकरण के लिए कोई आय मानदंड नहीं है, लेकिन व्यक्ति आयकर का भुगतान नहीं करता हो.

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इतने बड़े देश में इस पहल को सार्थक बनाने के लिए सरकार को केवल ऑनलाइन पंजीकरण पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.

इतने बड़े देश में इस पहल को सार्थक बनाने के लिए सरकार को केवल ऑनलाइन पंजीकरण पर निर्भर नहीं रहना चाहिए.

कल्याणकारी राज्य की एक महत्वपूर्ण पहचान यह है कि वह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों पर काम करे, जिससे गरीबी रेखा से नीचे के लोगों तक लाभ पहुंचाया जा सके. केंद्र ने श्रमिकों का डेटाबेस तैयार करने की एक प्रशंसनीय पहल की है. ई-श्रम, जहां सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तक ठीक तरीके से सामाजिक सुरक्षा लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें पंजीकृत किया जाएगा. यह पोर्टल अगस्त के अंत में लॉन्च किया गया था और शुरुआत में ही लाखों श्रमिक यहां रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

लेकिन इतने बड़े देश में इस पहल को सार्थक बनाने के लिए सरकार को ऑनलाइन पंजीकरण पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. यह ऑनलाइन पंजीकरण काफी आसान है और सरकार को व्यक्तियों को पंजीकृत करने के लिए जनशक्ति और संसाधनों को तैनात करने की आवश्यकता नहीं पड़ी. यह श्रमिकों के लिए भी अधिक सुविधाजनक है, क्योंकि उन्हें किसी ऑफिस तक जाना नहीं पड़ रहा है और दस्तावेजों के साथ कतार में भी नहीं लगना पड़ रहा है. हालाँकि, इसमें दो चीजों की आवश्यकता है. पहली, श्रमिक की सुगम इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच हो. दूसरी, वह पोर्टल पर नेविगेट करने और सफलतापूर्वक नामांकन करने के लिए पर्याप्त साक्षर हो.

पंजीकरण प्रक्रिया भी केवल मौजूदा डेटाबेस पर निर्भर नहीं होगी. हालांकि, इसे डेटाबेस के साथ जोड़ा जा सकता है. पोर्टल पर पंजीकरण के लिए कोई आय मानदंड नहीं है, लेकिन व्यक्ति आयकर का भुगतान नहीं करता हो. यह देखते हुए कि केवल कुछ करोड़ लोग ही आयकरदाता हैं, बड़ी संख्या में ऐसे श्रमिक हैं, जिन्हें असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के रूप में नामांकित किया जा सकता है.

यदि पोर्टल पर पंजीकृत कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता है, तो उसे मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा. श्रमिकों को एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर भी मिलेगा, जिससे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा.

इस विशाल चुनौती को देखते हुए, सरकार को डेटाबेस को व्यापक बनाने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में देश के सभी कस्बों और गांवों तक पहुंचने के लिए पंचायतों की मदद लेनी चाहिए. महामारी ने देश में कहर बरपाया है, जिससे लाखों लोगों की नौकरी चली गई है और बहुत से बीपीएल लाइन के नीचे आ गए. इसके चलते बहुत से लोग जीवन यापन के लिए असंगठित क्षेत्र में आ गए हैं. पोर्टल को इस स्थिति से उत्पन्न नवीनतम जनसांख्यिकीय विवरण प्राप्त करना है.

Published - September 20, 2021, 09:41 IST