राष्ट्रीय कृषि बाजार (E-NAM) की शुरुआत के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं. ई-नाम की पांचवी 5वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में कृषि मंत्री ने 3 सुविधाओं की सौगात दी है. इसमें ई-नाम पर मंडी जानकारी, ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ आईएमडी मौसम पूर्वानुमान सूचना का एकीकरण और सहकारी मॉड्यूल जैसी नई सुविधा दी गई है. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ई-नाम प्रोजेक्ट हो या कृषि सुधार बिल, ये सब किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने वाले है, किसानों की आमदनी बढ़ाने वाले हैं, किसानों के घर में समृद्धि लाने वाले हैं, किसानों के बच्चों को कृषि की ओर आकर्षित करने वाले हैं. इसलिए भारत सरकार पूरी दृढ़ता के साथ इस पर काम कर रही है.
E-NAM पर मिलेंगी ये सुविधाएं
ई-नाम किसानों की डिजिटल पहुंच को कई बाजारों और खरीदारों तक डिजिटल रूप से पहुंचाता है और कीमत में सुधार के इरादे से व्यापार लेनदेन में पारदर्शिता लाता है. साथ ही यह गुणवत्ता के अनुसार कीमत और कृषि उपज के लिए “एक राष्ट्र-एक बाजार” की अवधारणा को भी विकसित करता है. किसानों के लिए कृषि उत्पादों के बाजार को आसान बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ई- नाम की शुरुआत की गई, जो अब 18 राज्य 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 1000 मंडियों में ई-नाम की सफलता से पहुंच चुकी है. अब इसमें 1000 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है.
इसका उद्देश्य एकीकृत राष्ट्रीय कृषि इलेक्ट्रॉनिक बाजार का निर्माण करना है. इस पोर्टल के अंतर्गत पूरे देश के किसानों और मंडियों को रजिस्टर कराना होता है। फिलहाल, 1.70 करोड़ से अधिक किसान और 1.63 लाख व्यापारी ई-नाम प्लेटफार्म पर पंजीकृत हुए हैं.
ये नई सुविधाएं मिलेंगी
– अब इस पोर्टल और ऐप पर मंडी जानकारी पृष्ठ जोड़ा गया है, जो कि किसानों को एक ही वेब पेज में संबंधित राज्य की ई-नाम मंडियों में कारोबार की जाने वाली जिंसों के वास्तविक समय मूल्य प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है.
– ई-नाम पर प्रदान किए गए सहकारी व्यापार मॉड्यूल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अपने संग्रह केंद्र/ गोदामों से एपीएमसी में उपज लाए बिना सदस्यों के फार्मगेट के पास व्यापार करने की सुविधा प्रदान करना है.
– भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी), मौसम पूर्वानुमान सूचना समेत ई-नाम मंडियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए वर्षा और आंधी-तूफान की सूचना के साथ अधिकतम-न्यूनतम तापमान की सूचना मिलेगी. मौसम सूचना से कटाई करने और बाजार निर्णय लेने में किसानों को अतिरिक्त मदद मिलेगी.
लॉकडाउन में किसानों के लिए रहा बेहतर विकल्प
बता दें, कोविड-19 की शुरुआत में हुए लॉकडाउन के दौरान, मंत्रालय ने थोक बाजारों में भीड़ कम करने और आपूर्ति श्रृंखला को चुस्त बनाने के लिए कई कदम उठाए, जिसमें ई-नाम के किसानों और व्यापारियों के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ.
ऑनलाइन बिक्री के लिए अपनी उपज अपलोड करने का विकल्प
किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्यापारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर रहे हैं और व्यापारी किसी भी स्थान से ई-नाम पर बिक्री के लिए उपलब्ध लॉट की बोली लगा सकते हैं। ई-नाम प्लेटफार्म पर अनुमानित 1.30 लाख करोड़ रुपए मूल्य का कुल संयुक्त व्यापार रिकॉर्ड किया गया है.
ऑनलाइन और पारदर्शी प्रणाली मोबाइल ऐप भी मौजूद
ई-नाम प्लेटफॉर्म / मोबाइल ऐप को किसानों के अनुकूल सुविधाओं के साथ और मजबूत किया गया है, जैसे कि ऐप के माध्यम से लॉट का एडवांस पंजीकरण, जो बदले में मंडी के प्रवेश गेट पर किसानों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करेगा और बड़ी दक्षता लाएगा और गेट पर कृषि उत्पाद के आगमन की रिकॉर्डिंग की सुविधा देगा, किसान अब अपने मोबाइल पर भी गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट देख सकते हैं, मोबाइल के माध्यम से किसान अपने लॉट की ऑनलाइन बोलियों की प्रगति देख सकते हैं और किसान आसपास की मंडियों में कीमतों की वास्तविक समय की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.
BHIM के जरिए भुगतान की सुविधा
वजन तौलने में पारदर्शिता लाने के लिए ई-नाम प्लेटफॉर्म पर बोली लगाने के बाद किसानों की वस्तुओं को सही ढंग से तौलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू प्रदान किए गए हैं. व्यापारियों द्वारा किसानों को भुगतान अब BHIM भुगतान सुविधा का उपयोग करके मोबाइल फोन के माध्यम से किया जा सकता है.