Domestic money managers के बीच दिख रही खरीदारी की होड़

कुछ बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि चुनिंदा हेज फंड भारतीय इक्विटी बाजार में तेज उछाल के बाद मुनाफावसूली कर रहे हैं.

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बड़ी कंपनियां अक्सर बड़े शहरों में होने के कारण रिक्रूटमेंट इन्हीं शहरों तक सीमित रह जाता है. यहां के कैंडिडेट्स को इसका लाभ मिलता है

बड़ी कंपनियां अक्सर बड़े शहरों में होने के कारण रिक्रूटमेंट इन्हीं शहरों तक सीमित रह जाता है. यहां के कैंडिडेट्स को इसका लाभ मिलता है

जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने जुलाई में घरेलू इक्विटी से किनारा कर लिया, उस समय घरेलू मुद्रा प्रबंधकों ने लगातार पांचवें महीने शेयरों की खरीद-फरोख्त जारी रखी. Ace Equity के आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने जुलाई महीने की 28 तारीख तक 13,390 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं, जो मार्च 2020 के बाद से उनकी सबसे बड़ी खरीदारी है. इससे पहले उन्होंने मार्च 2020 में 55,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था. यह वह समय था, जब देशव्यापी लॉकडाउन के कारण शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी.

ऐसी संभावना है कि SIP में वृद्धि के कारण म्युचुअल फंड खरीदारी कर रहे है. एसआईपी खाता पंजीकरण पिछले महीने लगभग 21.3 लाख के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था.  एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों से पता चला है कि पिछला उच्च स्तर मार्च में 16.7 लाख खातों का था. SIP के बढ़ने की गति पिछले दो वर्षों के औसत 11.2 लाख खातों से लगभग दोगुनी हो गई है.

दूसरी तरफ विदेशी मुद्रा प्रबंधकों ने इस महीने 8,500 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों की बिक्री की, क्योंकि वे विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों के मद्देनजर सतर्क रुख अपनाना जारी रख रहे हैं. हालांकि, उनका शुद्ध प्रवाह पिछले महीने 17,215 करोड़ रुपये रहा था.

ऐसी संभावना है कि बढ़ते वैल्यूअशन, तेल की कीमतों में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर में मजबूती ने विदेशी निवेशकों को निकट अवधि के जोखिमों को लेकर सावधान कर दिया है, जिसने उन्हें जुलाई में किनारे पर रहने के लिए प्रेरित किया होगा. इस समय कौन से एफआईआई बिकवाली रहे हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

हालांकि, कुछ बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि चुनिंदा हेज फंड भारतीय इक्विटी बाजार में तेज उछाल के बाद मुनाफावसूली कर रहे हैं. बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स ने इस साल में अब तक 10 फीसद और मार्च 2020 के निम्न स्तर के बाद से लगभग 97 फीसद की बढ़त हासिल की है.

कुल मिलाकर भारतीय इक्विटी बाजार मजबूत लिक्विडिटी और तेज आय रिकवरी की उम्मीदों को देखते हुए निवेश के दृष्टिकोण से आकर्षक लग रहा है. जैसे-जैसे मैक्रो वातावरण में सुधार होता है और घरेलू अर्थव्यवस्था रिकवरी पथ पर चलना शुरू करती है, एफपीआई के फ्लो में पहले वाली तेजी वापस आने की उम्मीद की जा सकती है और बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी नई ऊंचाई पर पहुंच सकते हैं. खुदरा निवेशक जिन्होंने पिछले कई महीनों में म्यूचुअल फंड में बड़ी दिलचस्पी दिखाई है, उन्हें अपने निवेश सलाहकारों के साथ उचित परामर्श के बाद पैसा डालना जारी रखना चाहिए.

Published - July 30, 2021, 08:24 IST