अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में मंगलवार को भारी गिरावट देखने मिली है और रुपए की कमजोरी की वजह से इंपोर्टेड वस्तुओं की महंगाई और ज्यादा भड़कने की आशंका जताई जा रही है. मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में 35 पैसे की गिरावट दर्ज की गई है, डॉलर का भाव बढ़कर 83.06 रुपए दर्ज किया गया है.
रुपए में आई इस गिरावट की वजह अमेरिकी डॉलर में तेजी तथा कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है. मंगलवार को डॉलर इंडेक्स फिर से 104.70 के ऊपरी स्तर तक गया है जो करीब 6 महीने का ऊपरी स्तर है. डॉलर की इस तेजी के बावजूद कच्चे तेल का भाव ऊपरी स्तर पर बना हुआ है, ब्रेंट क्रूड 89 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. क्रूड महंगा होने की वजह से इसके इंपोर्ट के लिए ज्यादा डॉलर खर्च करने पड़ेंगें, जिस वजह से रुपए पर दबाव बढ़ गया है. रुपए में आई इस गिरावट की के पीछे विदेशी फंड्स की भारतीय बाजारों में बिकवाली को भी माना जा रहा है.
रुपए में आई इस गिरावट की वजह से विदेशों से कोई भी वस्तु या सेवा खरीदने पर पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च आएगा. विदेशों से वस्तु या सेवा खरीद के लिए डॉलर में भुगतान करना पड़ता है और रुपए की कमजोरी की वजह से डॉलर खरीद में ज्यादा रुपए लगेंगे. यानी रुपए की कमजोरी से विदेशों से आयात होने वाले हर सामान पर पहले के मुकाबले ज्यादा पेमेंट चुकानी पड़ेगी. जिस वजह से भारतीय बाजार में आयातित वस्तुओं की महंगाई पहले से ज्यादा हो जाएगी.
इतना ही नहीं रुपए की इस गिरावट की वजह से विदेश में पढ़ाई या किसी दूसरी सेवा की फीस के भुगतान पर भी अब पहले से ज्यादा खर्च आएगा. विदेश घूमना भी अब पहले के मुकाबले महंगा हो गया है.