कोरोना की दूसरी लहर से अप्रैल में सुस्त पड़ी हायरिंग की प्रक्रिया अब पटरी पर वापस आती दिख रही है. लिंक्डइन इंडिया की लेबर मार्केट अपडेट पर रिपोर्ट के मुताबिक, देश के हायरिंग रेट में मई के अंत में 35 प्रतिशत और जून अंत में 42 फीसदी की बढ़त हुई है. यह बढ़त कोरोना पूर्व साल 2019 के इन्हीं महीनों की तुलना में है.
लिंक्डइन अपनी रिपोर्ट में हायरिंग रेट का अनुमान प्लेटफॉर्म की सदस्यता और इसपर होने वाली भर्तियों के आधार पर लगाता है. नई रिपोर्ट में बताई गई हाइक में 18 से 24 साल उम्र वालों के हाथ लगने वाली नौकरियों की संख्या बढ़ी है. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में माहिर युवाओं की मांग ज्यादा है. कमउम्र लोगों की यह डिमांड कोरोना काल के पहले से शुरू हो चुकी थी.
डिजिटल स्किल की डिमांड
रिपोर्ट में बताया गया है, ‘जनवरी 2018 से जून 2021 के बीच वर्कफोर्स में GenZ (90 के दशक के बाद के वर्षों से लेकर 2010 के आसपास तक पैदा हुए लोग) की संख्या 4.2 गुना से अधिक बढ़ी है.’
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इस आयुवर्ग के लोगों में जिनके पास सामान्य से अधिक डिजिटल स्किल हैं, उन्हें प्राथमिकता मिल रही है. सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और बड़े बदलाव लाने की क्षमता रखने वाली डिजिटल स्किल उनके लिए हायरिंग की संभावना 1.3 से 1.5 गुना तक बढ़ा दे रही हैं.
स्किल बढ़ाने वालों को मिलेगा फायदा
लिंक्डइन की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि नौकरी पाने के मौके बढ़ाने हैं तो युवाओं को खुद को औरों से हटकर दिखाना होगा. इसके लिए उन्हें अपस्किलिंग पर जोर देना चाहिए. इस समय हायरिंग का माहौल बना हुआ है. जो खुद को बेहतर बनाने पर काम करेंगे, वे इस मौके का फायदा उठा ले जाएंगे.
रिपोर्ट में इस ओर गौर किया गया है कि नौकरी की होड़ में लगे लोगों की संख्या अभी सालभर पहले की तुलना में कम बनी हुई है. मगर जो आवेदन कर रहे हैं, वे पूरा जोर लगा रहे हैं.
उसमें बताया गया है, ‘2020 के मध्य में किसी जॉब के लिए मिलने वाले आवेदनों की संख्या कोरोना पूर्व काल की तुलना में दोगुनी हो गई थी. इस साल यह संख्या घटी है. सालभर पहले की तुलना में एक जॉब पर अब औसतन 0.6 गुना एप्लिकेशन ही डाले जा रहे हैं.’ इस बीच प्रति शख्स मिलने वाले आवेदन बीते साल के 1.2 गुना हो चुके हैं.