केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) की प्रगति की समीक्षा की. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दो दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम के में हरियाणा के बाद राजस्थान के दौसा में कार्य के प्रगति का निरीक्षण किया. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद उम्मीद है कि दिल्ली से मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से कम होकर 12 घंटे रह जाएगा. 8 लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से गुजरेगा.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की प्रगति समीक्षा के बाद गडकरी ने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-एनसीआर में यातायात जाम की समस्या और वायु प्रदूषण समस्या को भी कम करेगा. उन्होंने कहा कि सड़क मंत्रालय 53,000 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाओं पर काम कर रहा है. इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मौजूद थे.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के दो दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आज हरियाणा के सोहना में राज्य के मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar जी और केंद्रीय राज्यमंत्री श्री @Rao_InderjitS जी के साथ एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया। #PragatiKaHighway #DelhiMumbaiExpressway pic.twitter.com/HRZoycQt65
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) September 16, 2021
मार्च-2023 तक हो जाएगा बनकर तैयार
मंत्री ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के मार्च-2023 तक बनकर तैयार हो जाने की संभावना है. इसका निर्माण भारतमाला परियोजना के पहले चरण के रूप में किया जा रहा है. आधिकारिक बयान के मुताबिक, 98000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा 1380 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत में सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा. ये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वित्तीय राजधानी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी.
160 किलोमीटर कम हो जाएगी दूरी
इस एक्स्प्रेसवे के बनने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी करीब 130 किमी कम हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह हाइवे बनने से दिल्ली से मुंबई का सफर केवल 12 से साढ़े 12 घंटे में सफर पूरा किया जा सकेगा. वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से करीब 1,510 किलोमीटर है. एक्सप्रेस-वे बनने के बाद इसकी दूरी 1,380 किलोमीटर रह जाएगी. इसके अलावा इससे सालाना 32 करोड़ लीटर से अधिक की फ्यूल की बचत होगी. वहीं, CO2 उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. यह एक्सप्रेस-वे एशिया का पहला और दुनिया का ऐसा दूसरा एक्सप्रेस-वे होगा, जहां एनिमल ओवरपास की सुविधा प्रदान की जाएगी. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे में तीन एनिमल और पांच ओवरपास होंगे. एक्सप्रेस-वे में दो 8 लेन वाली टनल भी होंगी.
लाखों लोगों के लिए आएगी आर्थिक खुशहाली
यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली के शहरी केंद्रों को दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना खंड के माध्यम से आपस में कनेक्ट करेगा और यह जेवर एयरपोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को मुंबई के साथ जोड़ेगा. यह एक्सप्रेस-वे छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा और आर्थिक गतिविधियों के केंद्रों जैसे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वड़ोदरा और सूरत के लिए कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और लाखों लोगों के लिए आर्थिक खुशहाली लेकर आएगा.
1200 किलोमीटर का दिया जा चुका है ठेका
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की शुरुआत 2018 में हुई थी. इसकी आधारशिला 9 मार्च, 2019 को रखी गई थी. बयान के मुताबिक, 1380 किलोमीटर में से अभीतक 1200 किलोमीटर सड़क के लिए ठेके दिए जा चुके हैं.