दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी ने निवेशकों को आकर्षित किया है. भारत में भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो क्रिप्टो पर दांव लगा रहे हैं. यहां तक कि इस मामले में सभी देशों से हम आगे हैं. ऑनलाइन ब्रोकर की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म ब्रोकरचूजर की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 10.07 करोड़ है. दूसरे स्थान पर अमेरिका है, जो 2.74 करोड़ निवेशकों के साथ भारत से कहीं पीछे है.
बड़ी संख्या में डिजिटल करंसी में निवेश करने वालों को देखते हुए क्रिप्टो एक्सचेंज भी भारत में पैर जमाने में लग गए हैं. एक्सचेंज और कंपनियां अखबारों और टीवी पर विज्ञापन तक चलाने लगे हैं. यही कारण है कि एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापन कर रहे सेलेब्रिटीज को चेताया है.
काउंसिल ने कहा है कि कंपनियों का प्रमोशन करने से पहले सितारों को पहले अच्छे से पूरी जानकारी जुटाकर क्रिप्टो और उससे जुड़ी सेवाओं का ड्यू डिलिजेंस कर लेना चाहिए. क्रिप्टोकरंसी को लेकर पहले से देश में स्थिति स्पष्ट नहीं है. सरकार ने उभरते हुए इस एसेट क्लास को लेकर अब तक कोई कानून पेश नहीं किया है.
क्रिप्टोकरंसी आज की आधुनिक दुनिया में आकर्षक एसेट बनकर सामने आया है. निवेशक और खासतौर पर युवा इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ऊंचे रिटर्न देने के कारण क्रिप्टोकरंसियां लगातार सुर्खियों में बनी रहती हैं, जिस कारण और अधिक इन्वेस्टर इसकी ओर बढ़ रहे हैं.
हालांकि, कानून और रेगुलेटरी स्ट्रैटजी नहीं तैयार होने तक निवेशक किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं हैं. एक्सपर्ट्स भी पक्के तौर पर नहीं बता पा रहे हैं कि डिजिटल कॉइन्स की कीमतों में होने वाली तेज बढ़त और गिरावट का ठोस कारण क्या है.
ऐसे में क्रिप्टो निवेश को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों में डिस्क्लेमर शामिल होने चाहिए. इनके जोखिमों को लेकर निवेशकों को सतर्क करना चाहिए. इन्हें छोटे अक्षरों और तेज कमेंट्री में छिपाया नहीं जाना चाहिए. सेलेब्रिटी इन सेवाओं का विज्ञापन करने से पहले जोखिमों की पूरी जानकारी लें, नहीं तो यह आम आदमी की मेहनत की कमाई के साथ खिलवाड़ करना होगा.