मुंबई की 85% से अधिक आबादी में कोविड-19 एंटीबॉडी: BMC सीरो सर्वे

आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अप्रैल में 87,000 एक्टिव मामलों में से 90% हाई-राइज बिल्डिंग से थे, जबकि झुग्गी बस्तियों में सिर्फ 10% मामले थे.

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सर्वेक्षण में शामिल 8,674 लोगों में से 20% हेल्थ केयर वर्कर थे. स्वास्थ्य कर्मियों में सिरोप्रवैलेंस 87.14% पाया गया.

सर्वेक्षण में शामिल 8,674 लोगों में से 20% हेल्थ केयर वर्कर थे. स्वास्थ्य कर्मियों में सिरोप्रवैलेंस 87.14% पाया गया.

भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई की 86.64% आबादी में COVID-19 एंटीबॉडी हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के पांचवें सीरो सर्वे में ये जानकारी सामने आई है. अगस्त में किए गए इस सीरो सर्वे (sero survey) में 8,674 लोगों को शामिल किया गया था. इससे पहले मार्च में किए गए सीरो सर्वे में 36.3% आबादी में ही COVID-19 एंटीबॉडी मिली थी. मार्च की तुलना में अगस्त में मिली एंटीबॉडी काफी ज्यादा है.

स्लम-नॉन स्लम के सीरो पॉजिटिविटी में मामूली अंतर

नए सर्वे में स्लम (झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र) में 87.02% लोगों का सीरो पॉजिटिविटी रेट और नॉन स्लम में 86.22% का पॉजिटिविटी रेट मिला है. शहर में स्लम और नॉन स्लम आबादी के सीरो पॉजिटिविटी में मामूली अंतर पहली बार देखा गया है. इस साल मार्च में किए गए सीरो सर्वे में स्लम में 41.6% और नॉन-स्लम एरिया में 28.5% का सीरो पॉजिटिविटी रेट पाया गया था. नया सीरो सर्वे 12 अगस्त से 8 सितंबर के बीच किया गया था.

टीकाकरण वाली आबादी भी शामिल

सीरो सर्वे में टीकाकरण वाली आबादी भी शामिल थी. बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम के कारण इस सर्वे में बीएमसी को एंटीबॉडी बढ़ने की उम्मीद थी. सर्वे में पाया गया कि आंशिक रूप से और पूरी तरह से टीका लगाए गए प्रतिभागियों में सिरोप्रवैलेंस (आबादी में ऐसे व्यक्तियों का प्रतिशत जिनके पास एक संक्रामक एजेंट के प्रति एंटीबॉडी हैं) 90.26 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 वैक्सीन नहीं लेने वालों में सिरोप्रवैलेंस 79.86 प्रतिशत है.

क्या कहा बीएमसी ने?

बीएमसी में डिप्टी एग्जीक्यूटिव हेल्थ ऑफिसर डॉ. दक्ष शाह ने कहा, ‘परिणाम हमारी अपेक्षा के अनुरूप हैं. हम सर्वे में टीकाकरण की गई आबादी को भी शामिल करना चाहते थे. सिरोप्रवैलेंस 86.64% है, यह आईजीजी (IgG) एंटीबॉडी के प्रोटेक्टिव लेवल को इंडिकेट नहीं करता है. जैसा कि हम जानते हैं कि संक्रमण (infection) के एक महीने बाद एंटीबॉडी का लेवल कम होने लगता है.

इसलिए, हमने लोगों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन जारी रखने की सलाह दी है.’ उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की पहली या दोनों डोज ली उनका सिरोप्रवैलेंस वैक्सीन न लेने वालों की तुलना में ज्यादा है. इसलिए कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम को मजबूत करने की जरूरत है.’

सर्वे से क्या पता चलता है?

-पहली लहर में नॉन स्लम एरिया सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. लेकिन दूसरी लहर के दौरान ज्यादातर मामले हाई-राइज बिल्डिंग से आए.

-बीएमसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अप्रैल में 87,000 एक्टिव मामलों में से 90% हाई-राइज बिल्डिंग से थे, जबकि झुग्गी बस्तियों में सिर्फ 10% मामले थे.

-संक्रमण के एक हफ्ते से तीन हफ्ते के भीतर एंटीबॉडी का निर्माण हो जाता है, लेकिन संक्रमण के कुछ महीनों के बाद उनके स्तर में गिरावट शुरू हो जाती है.

-सर्वेक्षण में शामिल 8,674 लोगों में से 20% हेल्थ केयर वर्कर थे. स्वास्थ्य कर्मियों में सिरोप्रवैलेंस 87.14% पाया गया.

-पुरुषों के 85.07% सिरोप्रवैलेंस (Seroprevalence) की तुलना में महिलाओं में 88.29% सिरोप्रवैलेंस पाया गया.

Published - September 18, 2021, 01:44 IST