दुनिया की दो सबसे बड़ी चिपसेट कंपनियों ताइवान की मीडियाटेक और यूएस की क्वालकॉम के बीच प्राइस वॉर शुरू हो गई है. इसका इसका फ़ायदा भारत के स्मार्टफोन बाज़ार को हो सकता है. इस चक्कर में 5 जी स्मार्टफोन्स की कीमतें 2023 की दूसरी छमाही तक 10,000 रुपए से भी नीचे आ जाने की उम्मीद है.
क्या है अनुमान
चिपसेट ब्रांड्स को उम्मीद है कि सितंबर तिमाही में स्मार्टफोन्स के मार्केट में मांग कम रहेगी और चाइनीज़ मोबाइल कंपनियां इस मांग को बनाए रखने के लिए ज्यादा मिड रेंज के स्मार्टफोन के मॉडल उतारने की कोशिश करेंगी. इससे मार्केट में कंपटीशन बढ़ेगा और इसका असर कीमतों पर दिखेगा. साथ ही चिप की सप्लाई से जुड़ी मुश्किलें कम होंगी तो चिपसेट बनाने वाली कंपनियों के पास क़ीमत कम करने और बाज़ार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का अवसर होगा.
बता दें जनवरी-मार्च तिमाही के आंकड़ों के हिसाब से क्वालकॉम के पास भारतीय चिपसेट बाज़ार में लगभग 25 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. वहीं मीडियाटेक लगभग 45 फ़ीसदी रखती है. हांलाकि राजस्व के मामले में देखा जाए तो अमेरिका की क्वालकॉम को ही बढ़त है क्योंकि इसके चिपसेट का इस्तेमाल हाई एंड फोन में होता है.
कैसे होगा फायदा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ही कंपनियों ने कहा कि उनके चिपसेट की कीमत प्रतिस्पर्धी रहेगी. इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि दोनों ही चिपसेट प्लेयर 5जी रेडियो और 5जी बैंड की संख्या कम करके बेहतर लागत ढांचे के साथ 5जी चिपसेट के अपने डिजाइन पर फिर से काम कर रहे हैं. ET की रिपोर्ट ने एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा है कि अभी 4जी चिप्स की कीमत 10 डॉलर से कम है, वहीं 5जी चिप्स अभी भी 20 डॉलर से ऊपर बिक रहे हैं. सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतें दूर होने के साथ ही 5G चिप की कीमत 18 अमेरिकी डॉलर से नीचे जाने की उम्मीद करते हैं, इससे बजट स्मार्टफोन ब्रांड्स 120 अमेरिकी डॉलर तक 5G स्मार्टफोन लाना आसान हो जाता है जिसकी कीमत मौजूदा डॉलर के भाव के हिसाब से भारतीय मुद्रा में 10,000 से कुछ बैठती है.