केंद्र सरकार ने दिव्यांग बच्चों के लिए बड़ी पहल की है. दरअसल जिन सरकारी कर्मचारियों की मौत हो चुकी है या पेंशन ले रहे कर्मचारियों के दिव्यांग बच्चों को पारिवारिक पेंशन अब बढ़कर मिलेगी. इस बात की घोषणा केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने की है. सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य दिव्यांगों के लिए जीवन जीने की आसानी और उनकी बेहतर आर्थिक स्थिति का निर्माण करना है. क्योंकि उन्हें ज्यादा फाइनेंशियल सपोर्ट और मेडिकल केयर की जरूरत होती है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पेंशन विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि किसी सरकारी कर्मचारी की मौत होने या फिर पेंशन लेने वाले कर्मचारी के दिव्यांग बच्चा आजीवन पेंशन लेने के लिए पात्र होगा. वहीं मानसिक या शारीरिक रूप से अशक्त बच्चा या भाई-बहन भी जीवन भर परिवार पेंशन के लिए पात्र होंगे. अगर उनकी कुल आय, परिवार पेंशन के अलावा, सामान्य दर पर पात्र परिवार पेंशन से कम है यानि मृत सरकारी कर्मचारी द्वारा उठाए गए अंतिम वेतन के 30 प्रतिशत हिस्से और उस पर स्वीकृत महंगाई राहत भत्ते के बराबर या उससे कम है तो वह पेंशन के हकदार होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के तहत परिवार पेंशन के लिए किसी मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के बच्चे या भाई-बहन की पात्रता के लिए इनकम क्राइटेरिया को उदार बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं. सरकार का मानना है कि परिवार के अन्य सदस्यों के मामले में लागू होने वाली परिवार पेंशन संबंधी पात्रता शारीरिक रूप से अशक्त बच्चे या भाई-बहन के मामले में उसी तरह लागू नहीं की जा सकती है. सरकार ने दिव्यांग बच्चों या भाई-बहन के संबंध में परिवार पेंशन की पात्रता के लिए आय से जुड़े मानदंड की समीक्षा की है. इसी के साथ यह निर्णय लिया है कि ऐसे परिवार पेंशन की पात्रता के लिए इनकम क्राइटेरिया के मामले में परिवार पेंशन की पात्र राशि के अनुरूप होगा.