गर्मियों के सीजन की शुरुआत के साथ ही इससे बचने के तरीकों के लिए लोग तैयारियां शुरू कर देते हैं. इनमें एयरकंडीशनर्स की सर्विस या इसकी खरीदारी, कूलर, पंखों को ठीक कराने जैसे काम शामिल हैं. हालांकि, देश के ज्यादातर शहरों में अब जिस तरह का तामपान रहता है उसमें कूलर और पंखे गर्मियों में ज्यादा कारगर साबित नहीं होते और लोग एयरकंडीशनर्स (AC) को ही तरजीह देते हैं. लेकिन, एयरकंडीशनर्स (AC) सस्ते नहीं होते और हर किसी के लिए इन्हें खरीद पाना भी आसान नहीं होता. खरीदारी की लागत के अलावा AC के इंस्टॉलेशन और स्टेबलाइजर का खर्च अलग से देना होता है. इस तरह से इनकी कॉस्ट और बढ़ जाती है. ऐसे में गुजरे कुछ वर्षों से देश के कई मेट्रो शहरों में AC किराये पर भी मिलने लगे हैं.
स्थानीय स्तर पर मौजूद छोटे कारोबारियों से लेकर संगठित रूप में कंपनियों के स्तर पर भी किराये पर AC और दूसरे एप्लायंसेज मुहैया कराए जा रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में किराये पर फ्रिज, एसी, कूलर वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंसेज और फर्नीचर देने का कारोबार तेजी से आगे बढ़ा है.
ऐसी कंपनियों के टारगेट पर ऐसे लोग होते हैं जो कि नौकरी या पढ़ाई के लिए या तो एक शहर से दूसरे शहर शिफ्ट होते हैं और नए शहर में इन सब सामानों को शिफ्ट नहीं करना चाहते हैं. ऐसे लोग ज्यादातर किराये पर AC वरैगह लेने को तरजीह देते हैं. दूसरी ओर, ऐसे लोगों की भी अच्छी-खासी तादाद है जो कि इन सामानों को खरीदने में एकमुश्त रकम नहीं लगाना चाहते हैं और इन्हें किराये पर लेकर पैसे बचाने की सोचते हैं.
दूसरी तरफ AC को खरीदने के अपने अलग तर्क हैं. ऐसे में ये सवाल उठता है इन गर्मियों में AC खरीदना ज्यादा बेहतर होगा या फिर इसे किराये पर लगवाना चाहिए.
इस बारे में कोई भी फैसला लेने से पहले दोनों मामलों में AC को खरीदने या किराये के खर्च, इंस्टॉलेशन और दूसरे फैक्टर्स पर नजर डालनी होगी.
1. नया AC लेना
अगर आप नया AC खरीदने की सोच रहे हैं तो ऑनलाइन साइट्स पर 1.5 टन का 2 स्टार AC का दाम 19,000 रुपये से शुरू होता है. अगर आप 3 स्टार AC पर जाते हैं तो इनका दाम 21,000 रुपये से चालू हो रहा है. ये कीमत विंडो AC की है. जबकि, स्प्लिट AC की कीमत 3 स्टार के लिए 22,000 रुपये से शुरू होती है. इसके आगे आपकी कीमत ब्रैंड, स्टार रेटिंग और दूसरी खूबियों मसलन, डिजाइन, वाईफाई सुविधा, कंप्रेसर की क्वॉलिटी जैसी चीजों पर निर्भर करती है.
अब इसके बाद आपको स्टेबलाइजर खरीदने पर करीब 2,500 रुपये लगाने होते हैं. इंस्टॉलेशन का खर्च भी 1,000 रुपये से लेकर 3,000-3,500 रुपये तक बैठ सकता है. लेकिन, ऐसे में नया AC खरीदने पर आपको न्यूनतम करीब 25,000 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं.
फायदे, नुकसानः AC खरीदने का फायदा ये है कि आपको ब्रैंड न्यू प्रोडक्ट मिलता है. इसके साथ वॉरंटी होती है और कूलिंग के लिहाज से ये बेहतर साबित होते हैं. इसके अलावा, अगर आपके पास तत्काल AC खरीदने की पूंजी नहीं है तो ज्यादातर जगहों पर फाइनेंस स्कीम मिलती हैं. इनमें एक निश्चित अवधि के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई पर भी फाइनेंस सुविधा मिलती है. ऑनलाइन मर्चेंट्स भी ये सुविधा देते हैं. फ्लिपकार्ट या एमेजॉन जैसी साइट्स से खरीदने पर आमतौर पर आपको AC की डिलीवरी भी मुफ्त में मिल जाती है.
दूसरी ओर, इसके नुकसान ये हैं कि भले ही आपको प्रोडक्ट ईएमआई पर मिल रहा हो, लेकिन आखिरकार आपको ये पैसा चुकाना तो पड़ता है. इसके अलावा, अगर आप कहीं और शिफ्ट होते हैं तो फिर से आपको या तो इसे बेचना पड़ता है या फिर आपको इसे शिफ्ट करके ले जाना पड़ता है जिसकी लागत आपको चुकानी पड़ती है.
2. किराये पर AC
किराये पर AC लेने के ये फायदे हैं कि आपको नया AC खरीदने में रिसर्च करने, प्रोडक्ट तलाशने, कीमतों की तुलना करने जैसे सिरदर्द लेेने की जरूरत नहीं पड़ती है. आपको केवल किराये पर AC मुहैया कराने वाली कंपनियों को कॉल करना होता है या उनकी साइट्स पर जाकर आप इसके लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं. इसके बाद सारा काम ये सर्विस प्रोवाइडर खुद करते हैं. इनमें प्रोडक्ट को घर पर पहुंचाने से लेकर इसे इंस्टॉल करने जैसे काम शामिल हैं.
साथ ही आप जब भी दूसरे शहर शिफ्ट करते हैं तो आपको बस कॉल करके इसे वापस ले जाने के लिए कंपनी को बोलना पड़ता है.
फायदे, नुकसानः किराये का AC लेने में ऐसा नहीं है कि आपको दिमाग नहीं लगाना पड़ेगा. इसके लिए आपको कई चीजों पर बेहद गौर करना जरूरी है. मसलन, पहला मसला खर्च का आता है. आपको कई साइट्स और सर्विस प्रोवाइडर्स की स्कीम्स को समझना पड़ेगा कि कौन कितना पैसा आपसे चार्ज कर रहा है.
सबसे अहम बात ये है कि आपको किराये पर AC मुहैया कराने वालों की शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए. खासतौर पर इंस्टॉलेशन के खर्च, AC की स्टार रेटिंग, किराया, AC कितना पुराना है ये सारी चीजें देखनी चाहिए. इनमें भी आमतौर पर 1,000 रुपये से 1,500 रुपये इंस्टॉलेशन का खर्च वसूला जाता है. इसके अलावा, अतिरिक्त पाइप लेने पर अलग से खर्च लया जाता है. साथ ही तय अवधि के बाद अगर आप कहीं दूसरी जगह शिफ्ट होते हैं तो आपको कोई रिफंड नहीं दिया जाता है.
किराये पर AC मुहैया कराने वाली कंपनियां आमतौर पर मार्च से नवंबर तक के सीजन को लेकर चलती हैं और इसके लिए 6,000 रुपये से लेकर AC के प्रकार के हिसाब से एक सीजन के लिए पैसे चार्ज करती हैं. इसमें आपको एक सिक्योरिटी रकम भी जमा करनी पड़ती है जो कि सीजन के अंत में AC वापस होने के साथ आपको मिल जाती है. सिक्योरिटी के तौर पर ली जाने वाली रकम 2,000 रुपये से शुरू होती है.
आपको इसमें ये बात खासतौर पर देखनी होती है कि आपको मिलने वाला AC पहले से किसी डैमेज का शिकार तो नहीं है और अच्छी तरह से काम कर रहा है या नहीं. बाद में अगर आप डैमेज के बारे में बताते हैं तो आपको इसके लिए पैसे चुकाने पड़ सकते हैं.
ऐसे में AC खरीदने और किराये पर लेने दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं. कंज्यूमर्स को अपनी सहूलियत और बजट को देखते हुए ही इस बारे में फैसला करना चाहिए.