अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन (Biden Administration) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका चीन के साथ उइगर मुस्लिमों के खिलाफ जनसंहार के मुद्दे पर सीधे बातचीत करेगा.
बाइडन प्रशासन (Biden Administration) ने कहा कि चतुष्पक्षीय गठबंधन (क्वाड) शिखर सम्मेलन में कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ उइगर मुस्लिमों के खिलाफ जनसंहार का मुद्दा चर्चा का एक विषय होगा जिस पर न सिर्फ चीन के साथ अगले सप्ताह सीधी बातचीत की जाएगी बल्कि शुक्रवार को (क्वाड शिखर सम्मेलन) भी निश्चित तौर पर यह मुद्दा उठेगा.’’
साकी ने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि इस शिखर सम्मेलन से कई हित जुड़े हैं. लेकिन हमें उम्मीद है कि इसमें कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी.’’
उन्होंने दोहराया कि क्वाड सम्मेलन चीन पर केन्द्रित नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘यकीनन कई नेताओं और देशों के मन में चीन एक मुद्दा है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वे जलवायु परिवर्तन संकट, आर्थिक सहयोग, कोविड-19 से निपटने के तरीकों और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इस बारे में (उइगर मुस्लिमों के बारे में) जो भी हो रहा है, अमेरिका उसे जनसंहार मानता है और हम चीन पर दबाव बनाने के लिए सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने का अवसर तलाश रहे हैं. हम इस मुद्दे को अगले सप्ताह चीन के साथ सीधे तौर पर उठाएंगे.’’
क्वाड शिखर सम्मेलन के कुछ दिन बाद अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 18 मार्च को अलास्का के एंकोरेज में अपने-अपने चीनी समकक्षों के साथ मुलाकात करने वाले हैं.
एक सवाल के जवाब ने साकी ने कहा, ‘‘हमें यह जरूरी लगा कि अगले सप्ताह होने वाली बातचीत अमेरिकी धरती पर हो. हम उम्मीद करते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन और विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे…..
एक अलग संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘बातचीत में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं.’’
अहम साबित होगी जो बाइडन से मुलाकात
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Biden)के साथ उनकी पहली मुलाकात और भारत और जापान के नेताओं के साथ बातचीत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिए अहम साबित होगी.
ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय समयानुसार शनिवार तड़के वीडियो कांफ्रेंस के जरिए होने वाली इस बातचीत में पहली बार समूह के नेता एकसाथ जुटेंगे.
चीन ने क्वाड को उसकी आकांक्षाओं पर लगाम लगाने का एक प्रयास बताया है.
मॉरिसन ने कहा कि चीन के लिए समूह के नेताओं की बैठक पर आपत्ति जताने का कोई कारण नहीं है.
मॉरिसन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह चार राष्ट्रों के बारे में है जिनके हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक हित जुड़े हैं. हमारे लिए यह वह स्थान है जहां हम रहते हैं, जहां जापान है, जहां भारत है और जहां अमेरिका की लंबे समय से मौजूदगी रही है. इसलिए यह (बातचीत) हिंद-प्रशांत में शांति और स्थिरता के लिए अहम है और इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सभी देशों को लाभ होगा.’’
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक शांति के उद्देश्य और क्षेत्रीय सहयोग पर केंद्रित होगी.