UPI से करते हैं पेमेंट? इन फ्रॉड्स से बचकर रहें

UPI पेमेंट में इन तरीकों से ज्यादा होती है ठगी

UPI से करते हैं पेमेंट? इन फ्रॉड्स से बचकर रहें

Image: FreePik

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मोबाइल फोन की तरह अब यूपीआई (UPI) पेमेंट्स भी अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है. NPCI के आंकड़ों के मुताबिक कुल UPI ट्रांजैक्शन में 50 फीसदी 200 रुपए या उससे कम की होती है. इससे साफ पता चलता है कि भारतीय अपनी हर छोटी-बड़ी पेमेंट के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं. रिसर्च एजेंसी PWC की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2022-23 में UPI के जरिए 83.71 अरब ट्रांजैक्श्न यानी लेनदेन हुए जो 2026-27 तक बढ़कर सालाना 379 अरब के पार पहुंच पाएंगे.. लेकिन जैसे-जैसे UPI के जरिए पेमेंट बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे इसके जरिए होने वाले फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं.

दिल्ली पुलिस के डेटा के मुताबिक 2022 में UPI पेमेंट से जुड़े 11,717 फ्रॉड के मामले सामने आए. 2021 में फ्रॉड का यह आंकड़ा सिर्फ 5,577 था. यानी सिर्फ एक साल में UPI के जरिए होने वाले फ्रॉड दोगुने हो गए. आप इस तरह के झांसे में न आएं. आजकल UPI के जरिए किस तरह के फ्रॉड सबसे ज्यादा हो रहे हैं.

QR कोड स्कैन
ठग अकसर आपसे QR कोड स्कैन करने के लिए कहते हैं. जिससे वो आपके खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकें. जैसे ही आप QR कोड स्कैन करेंगे पेमेंट आगे बढ़ाने के लिए आपके पास OTP आएगा. OTP डालते ही आपके खाते से पैसे कट जाएंगे. इसलिए ये ध्यान रखना जरूरी है. QR Codes Payment Send करने के लिए होते हैं. और QR Code Scan करके पैसे अकाउंट में रिसीव हो जाएंगे. ये बस एक स्कैम है.

नकली पहचान
आजकल किसी का पहचान वाला बनकर पैसे मांगना बहुत आम फ्रॉड हो गया. अकसर लोग दोस्त या रिश्तेदार बन फोन कर पैसे मांगते हैं. पैसे भेजने वाले जल्दबाजी में बिना व्यक्ति की पहचान कर पैसे भी भेज देते हैं. जिसका खामियाजा उन्हें बाद में उठाना पड़ता है. इसलिए चाहे किसी को कितनी भी जरूरत, बिना जांच पड़ताल करे पैसे न भेजें.

गूगल पर नंबर खोजना
अक्सर हम डॉक्टर का अपोंइटमेंट बुक करने के या किसी रेस्टोरेंट से खाना मंगाने के लिए गूगल पर नंबर खोजते हैं. गूगल पर जो भी रिजल्ट आता है हम उसपर फोन करते हैं. जाहिर सी बात है जब तक हम पेमेंट नहीं करेंगे तब कर अपोइंटमेंट पक्का नहीं होगा. लेकिन क्या पैसे देने से पहले आपने सोचा है गूगल के टॉप रिजल्ट में आने वाला वो नंबर फर्जी हुआ तो क्या होगा. हाल ही में देश के अलग-अलग शहरों के ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां विक्टिम में गूगल पर नंबर खोजा और वो नंबर फर्जी निकला. झांसे में आए पीडित 10 लाख रुपए तक की ठगी का शिकार हो चुके हैं.

ये App न करें डाउनलोड
रिमोट एक्सेस एप्स्स के जरिए आप दुनिया में कहीं से भी दूसरे कंप्यूटर से जुड़ सकते हैं. अगर आपके फोन में टीमव्यूअर, एनीडेस्क, क्विकशेयर जैसी रिमोट एक्सेस एप्स हैं तो इसके जरिए आपके ई-वालेट का कंट्रोल किसी और के पास आ सकता है.

सावधानी बरतें
इस तरह की ठगी से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप किसी अनजान के साथ अपना UPI पिन न साझा करें. साथ ही समय-समय पर अपना पिन बदलते रहें. कभी भी पब्लिक Wifi का इस्तेमाल कर पेमेंट नहीं करनी चाहिए. इससे भी आपकी जरूरी जानकारी का पब्लिक डोमेन में जाने का खतरा बना रहता है.

Published - May 29, 2023, 07:11 IST