तीसरी लहर से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने देशभर में लाइफ सेविंग ड्रग्स (life saving drugs) का बफर स्टॉक (buffer stock) बनाना शुरू कर दिया है. बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए इन जरूरी ड्रग्स का स्टॉक स्टेट और सेंटर दोनों ही लेवल पर होगा. इसमें कोरोना ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत आने वाली ड्रग्स (drugs) भी शामिल हैं. हालांकि एक बात यह भी है कि सरकार ने इस सूची में उन ड्रग्स (drugs) को भी शामिल किया है जिन्हें पिछले महीने जून में प्रोटोकॉल से हटाया जा चुका है. इनमें रेमडेसेविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाएं शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार रोशे इंडिया, सिपला, बायोकॉन, डॉ. रेड्डी, जायडस कैडिला सहित कई बड़ी फॉर्मा कंपनियों को सबसे पहले बफर स्टॉक (buffer stock) के लिए पर्याप्त प्रोडक्शन करने के लिए कहा है. कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर से लेकर अन्य कई तरह की ड्रग्स की कमी और उनकी ब्लैक मार्केटिंग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में सरकार उस स्थिति को दोबारा से पैदा नहीं होने देना चाहती है, इसलिए फॉर्मा कंपनियों को भी जल्द से जल्द टारगेट पूरा करने के लिए प्रोडक्शन पर जोर देने के लिए कहा गया है.
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने राज्यसभा में एक सवाल पर जानकारी दी है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन लाइफ सेविंग ड्रग्स (life saving drugs) की एक लिस्ट तैयार की है जिसे सभी राज्य सरकारों के साथ शेयर किया है. केंद्र सरकार ने राज्यों को यह भी अधिकार दिया है किं वे अपने लेवल पर लिस्ट में ड्रग्स की संख्या को बढ़ा-घटा भी सकते हैं. इनमें स्टेरॉयड युक्त ड्रग्स भी हैं जिनका इस्तेमाल कोविड के सीरियस मरीजों में किया जाता है.
लिस्ट में एनोक्सापारिन इंजेक्शन 40 मिलीग्राम, मिथाइल प्रेडनिसोलोन इंजेक्शन 40 मिलीग्राम/एमएल, डेक्सामेथासोन इंजेक्शन 4 मिलीग्राम/एमएल, रेमेडिसविर इंजेक्शन 100 मिलीग्राम प्रति शीशी, टोसिलिजुमैब इंजेक्शन 400 मिलीग्राम जैसी ड्रग्स को बफर स्टॉक में शामिल किया जा रहा है. इतना ही नहीं फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों में इस्तेमाल एम्फोटेरिसिन बी जैसी ड्रग्स का स्टॉक भी किया जा रहा है. वहीं कोविड-19 के बाद बच्चों में मिल रही मल्टी सिस्टम इन्फ्लामेट्रेरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) की ड्रग्स भी शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बफर स्टॉक मैनेजमेंट को लेकर एक पूरी प्लानिंग तैयार की है और इसी के तहत काम भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बफर स्टॉक मैनेजमेंट-कोविड 19 को लेकर दिशा निर्देश तैयार किए हैं. COVID-19 मामलों के प्रबंधन में उपयोग की जाने वालीं लाइफ सेविंग ड्रग्स (life saving drugs) और उनके स्टॉक पर काम किया जा रहा है.