प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission) का शुभारंभ किया. उन्होंने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से इस मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी. इस समय आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन छह केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया गया है. इस मिशन के तहत हर व्यक्ति का एक यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इस हेल्थ कार्ड में किसी भी व्यक्ति की हेल्थ से संबंधित सारा डेटा होगा जो पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय रखा जाएगा. इस अभियान के अंतर्गत लोगों की सहमति से हेल्थ रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जाएगा.
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत देश के हर व्यक्ति की एक हेल्थ आईडी बनाई जाएगी. जो उनके हेल्थ की सारी डिटेल को एक कार्ड में रखेगी. आपके पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल ऐप की मदद से जोड़ा जा सकेगा. यह हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटी रजिस्ट्रियां (HFR) और सभी हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर के लिए एक कलेक्शन के रूप में काम करेगी. इससे डॉक्टर , हॉस्पीटल और हेल्थ सर्विस प्रदान करने वाले लोगों को बिजनेस करने में आसानी होगी.
130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ mobile subscribers, लगभग 80 करोड़ internet user, करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते इतना बड़ा connected infrastructure दुनिया में कहीं नही है।
ये digital infrastructure राशन से लेकर प्रशासन तक को तेज, पारदर्शी तरीके से सामान्य भारतीय तक पहुंचा रहा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 27, 2021
यूनिक हेल्थ कार्ड आपके और डॉक्टर, दोनों के लिए फायदेमंद होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि डॉक्टर को दिखाने के लिए अब आपको अपनी फाइल नहीं ले जानी होगी. साथ ही डॉक्टर भी यूनिक हेल्थ आईडी देखकर मरीज की बीमारियों का पूरा डाटा निकाल लेंगे और उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू होगा. इस कार्ड के जरिये यह भी पता चलेगा जाएगा कि मरीज को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधा का लाभ मिलता है या नहीं. वहीं मरीज को मिलने वाली स्वास्थ्य संबधी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी इस कार्ड में होगी.इससे लोगों की डॉक्टरों तक पहुंच आसान होगी. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र के लोगों को इससे मदद मिलेगी.
#AyushmanBharat Digital Mission leverages technology to improve access to healthcare and opens doors for new innovation in the sector. pic.twitter.com/18OWpsp1Gn
— PIB India (@PIB_India) September 27, 2021
हेल्थ आईडी बनवाने वाले व्यक्ति के आधार और मोबाइल नंबर की मदद से ही यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार की ओर से एक हेल्थ अथॉरिटी बनाई जाएगी, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित हर तरह का डेटा जुटाएगी.